बच्चों के कान छिदवाने से पहले जान लें ये बातें
what to do before piercing baby ears
छोटे बच्चों पर इयररिंग्स बहुत प्यारे लगते हैं। साथ ही कई पेरेंट्स बच्चे की छोटी उम्र में ही कान छिदवा देते हैं। कई पेरेंट्स उनके रिचुअल के अनुसार बच्चे के कान छिदवाते हैं तो कई अपने अनुसार ही निर्णय लेते हैं। कान छिदवाने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यता हैं। साथ ही आज के समय में एयर पिएर्सिंग एक फैशन बन गया है। अगर आप भी अपने बच्चे के कान छिदवाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ये बातें ज़रूर ध्यान रखनी चाहिए.......
बच्चे के कान छिदवाने की सही उम्र
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन के अनुसार बच्चे के कान कम से कम दो साल के होने के बाद ही छिदवाने चाहिए। कई वैज्ञानिक कारणों से कान छिदवाने की ये उम्र सही होती है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि इस उम्र तक बच्चे कान में होने वाली समस्या को बता सकते हैं। इसके साथ ही दो साल बाद बच्चे के कान में एलर्जी का खतरा कम रहता है। हालांकि बच्चे की स्किन अभी भी सॉफ्ट होती है लेकिन पहले की तरह नाजुक भी होती है। इस समय तक बच्चे को सारे वैक्सीन भी लग चुके होते हैं।
छोटी उम्र में होता है खतरा
एक्सपर्ट का मानना है कि छोटी उम्र में कान छिदवाने बच्चे के लिए खतरनाक होता है। नवजात शिशु के कान छिदवाने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही नवजात शिशु का इम्युनिटी लेवल बहुत कम होता है जिससे वो इन्फेक्शन से लड़ नहीं सकता है। इस उम्र में बच्चा कान में होनी वाली परेशानी को भी नहीं बता सकते है। इसलिए आप 2 साल बाद ही अपने बच्चे के कान छिदवाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों का कान छिदवाते समय आपको इन बातों का ज़रूर ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं इन खास बातों के बारे में..
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कान छिदवाने का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच का होता है। इस मौसम में कान में इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है।
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कान छिदवाने से पहले आची नम्बिंग क्रीम का इस्तेमाल करें जिससे बच्चे को दर्द कम हो और स्किन थोड़ी देर के लिए सुन्न हो जाए।
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कान को सुन्न करने के लिए आप बर्फ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। साथ ही कान छिदने के बाद आप बर्फ की सिकाई करें।
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बच्चों को बार-बार एयर पिएर्सिंग वाली जगह को छूने से माना करें, इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
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कान छेदने वाले इयररिंग्स कम से कम 6 हफ्ते तक कान में रहने दें फिर उसके बाद ही कोई दूसरी ईयररिंग पहनाएं।
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कान के छेद को पानी से बचाएं।