Newborn skin care : भारतीय घरों में आज भी कई पारंपरिक नुस्खों का उपयोग किया जाता है, खासतौर पर नवजात शिशु की देखभाल के लिए। ऐसा माना जाता है कि आटा रगड़ने से शिशु के शरीर के अनचाहे बाल हट सकते हैं और त्वचा मुलायम हो जाती है। लेकिन क्या यह सच है या केवल एक मिथक है? आइये जानते हैं।
त्वचा पर आटा रगड़ने के पीछे का कारण
आटा रगड़ने की प्रक्रिया में बेसन, गेहूं का आटा या हल्दी का मिश्रण उपयोग किया जाता है। यह पारंपरिक मान्यता है कि इससे:
• शरीर के बाल हटते हैं।
• शिशु की त्वचा साफ और कोमल होती है।
• त्वचा पर रक्त संचार बेहतर होता है।
हालांकि, इन दावों का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
विशेषज्ञों के अनुसार, नवजात शिशु की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है। आटा रगड़ने से त्वचा पर रगड़ का प्रभाव पड़ सकता है, जिससे त्वचा में:
1. एलर्जी या खुजली हो सकती है।
2. लाल धब्बे या रैशेज हो सकते हैं।
3. त्वचा का प्राकृतिक तेल नष्ट हो सकता है।
डॉक्टरों का मानना है कि शिशु के शरीर के बाल प्राकृतिक रूप से समय के साथ झड़ जाते हैं। इसके लिए किसी बाहरी उपाय की आवश्यकता नहीं होती।
शिशु की त्वचा की देखभाल के सुरक्षित तरीके
अगर आप शिशु की त्वचा का ध्यान रखना चाहते हैं, तो इन बातों को अपनाएं:
1. माइल्ड बेबी साबुन और तेल का इस्तेमाल करें।
2. हल्के हाथों से मालिश करें।
3. त्वचा को अधिक रगड़ने से बचें।
4. डॉक्टर से परामर्श लेकर ही कोई उपाय करें।
आटा रगड़ने से जुड़े मिथक और सच्चाई
• मिथक: आटा रगड़ने से बाल पूरी तरह हट जाते हैं।
• सच्चाई: बाल समय के साथ प्राकृतिक रूप से झड़ते हैं।
• मिथक: त्वचा पर आटा रगड़ना सुरक्षित है।
• सच्चाई: यह शिशु की संवेदनशील त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
शिशु की त्वचा पर आटा रगड़ना न केवल एक मिथक है बल्कि यह त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकता है। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, शिशु के शरीर के बाल प्राकृतिक रूप से गिरते हैं, और किसी प्रकार के घरेलू नुस्खे की जरूरत नहीं होती।
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