क्या आपका बच्चा भी समय पर नहीं सोता, बच्चे को समय पर सुलाने के लिए आजमाएँ ये टिप्स
जानिए बच्चों की फिजिकल और मेंटल डेवलपमेंट के लिए नींद कैसे है ज़रूरी
अक्सर बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ उनके समय पर सोना पसंद करते हैं। पेरेंट्स का बेड टाइम लेट होने के कारण बच्चों को भी सोने में लेट हो जाता है। बच्चों के फिजिकल और मेंटल डेवलपमेंट के लिए भरपूर नींद बेहद जरूरी है। जल्दी सोने और जल्दी उठने से बच्चों में अनुशासन आता है और वे स्वस्थ रहते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि बचपन से बच्चों का एक टाइम टेबल सेट हो।
बच्चों को समय पर सोने और उठने की आदत हो इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जो बछो का टाइम टेबल सेट करने में आपके मददगार हो सकते हैं।
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लेट नाइट डिनर न करें: अगर आप चाहते हैं कि बच्चा समय पर सो जाए तो आपको डिनर लेट नहीं करना चाहिए। डिनर और बच्चों के सोने के समय में कम से कम 2 से 3 घंटे का अंतर होना चाहिए। ऐसा करने से एसिड रिफ्लक्स और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं नहीं होंगी। साथ ही सोने से पहले भोजन पच जाने से नींद भी अच्छी आएगी।
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सोने के एक घंटे पहले स्क्रीन टाइम से बचें : आमतौर पर बच्चे माता-पिता के साथ देर तक टीवी या फिर मोबाइल देखते हैं। स्क्रीन की ब्लू लाइट बच्चों के साथ ही बड़ों की नींद पर भी असर पड़ता है। ज़रूरी है कि सोने से कम से कम 1 घंटे पहले बच्चे को स्क्रीन से दूर रखें।
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सोने से पहले चीनी और कैफीन न दें: अधिकांश बच्चों को सोने से पहले दूध पीने की आदत होती है जिसमें कॉफी या फिर चॉकलेट पाउडर आदि भी डाला जाता है। लेकिन चीनी और कैफीन दोनों ही नींद पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इसलिए सोने से ठीक पहले बच्चों को दूध न दें। बच्चों को दूध देने का बेस्ट समय शाम 4 से 6 के बीच होता है।
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सोने का रूटीन सेट करें : सोने से कम से कम 30 मिनट पहले इसका एक रूटीन सेट करें। अच्छा होगा कि सोने से पहले बच्चों को किताबें पढ़कर सुनाएं, कहानियां सुनाएं, लोरी गाएं। इनसे बच्चा मानसिक रूप से सोने के लिए तैयार होगा।