शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. मकर संक्रां‍ति
  4. Makar Sankranti special 2021
Written By

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं सुंदर और शुभ ग्रह संयोग, बढ़ेगा पर्व का महत्व

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं सुंदर और शुभ ग्रह संयोग, बढ़ेगा पर्व का महत्व - Makar Sankranti special 2021
साल 2021 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन पर्व का का पुण्य काल 8 घंटे का रहेगा। 
यह सुबह 8 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक होगा। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान स्नान-दान से कई गुना फल प्राप्त होता है। मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे। इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। जो एक शुभ योग का निर्माण करते हैं। इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है।
इस वर्ष मकर संक्रांति पर सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में होंगे। इस स्थिति को मकर संक्रांति के लिए बेहद शुभ फलदायी माना गया है। 
 
इस दिन सूर्यदेव के साथ इन सब ग्रहों का पूजन करें। सूर्यदेव के साथ नवग्रहों का विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
 
मकर संक्रांति के दिन अगर दान किया जाए तो इसका महत्व बेहद विशेष होता है। इस दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्यनुसार दान देना चाहिए। साथ ही पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना जाता है। साथ ही गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक आदि का प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। 
 
जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर चलता है, इस दौरान सूर्य की किरणों को अशुभ माना गया है, लेकिन जब सूर्य पूर्व से उत्तर की ओर गमन करने लगता है, तब उसकी किरणें शुभता, सेहत और शांति को बढ़ाती हैं। जो आध्यात्मिक क्रियाओं से जुड़े हैं उन्हें शांति और सिद्धि प्राप्त होती है। अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो पूर्व के कड़वे अनुभवों को भुलकर मनुष्य आगे की ओर बढ़ता है।

स्वयं भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि, उत्तरायण के 6 माह के शुभ काल में, जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं, तब पृथ्वी प्रकाशमय होती है, अत: इस प्रकाश में शरीर का त्याग करने से मनुष्य का पुनर्जन्म नहीं होता है और वह ब्रह्मा को प्राप्त होता है। महाभारत काल के दौरान भीष्म पितामह जिन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। उन्होंने भी मकर संक्रांति के दिन शरीर का त्याग किया था।
पुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 12:30:00 तक
अवधि :4 घंटे 26 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त :08:03:07 से 08:27:07 तक
अवधि :0 घंटे 24 मिनट
ये भी पढ़ें
Bhogi festival 2021 : इस अनोखे तरीके से मनाते हैं भोगी पोंगल संक्रांति