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Written By WD Feature Desk

मकर संक्रांति कौन से वाहन पर सवार होकर आ रही है, क्या रहेगा उसका प्रभाव?

Makar Sankranti ka fal
Makar Sankranti 2024 : 15 जनवरी 2024 सोमवार के दिन मकर संक्रांति का महापर्व मनाया जाएगा। यह त्योहार संपूर्ण भारत में भिन्न भिन्न नाम और परंपरा के रूप में मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि इस बार मकर संक्रांति किस वाहन पर सवार होकर आ रही है और क्या होगा संक्रांति का फल यानी इसका देश दुनिया पर क्या होगा प्रभाव।
 
मकर संक्रांति कब है 2024?
  • 15 जनवरी 2024 सोमवार को मनाई जाएगी। 
  • मकर संक्रान्ति पुण्य काल- सुबह 07:15 से शाम 05:46 तक।
  • अवधि- 10 घण्टे 31 मिनट्स
  • मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल- सुबह 07:15 से 09:00 तक।
  • अवधि- 01 घण्टा 45 मिनट्स।
  • मकर संक्रान्ति का क्षण- 02:54 एएम।
 
शुभ मुहूर्त मकर संक्रांति 2024:
  1. अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:09 से 12:51 तक।
  2. विजय मुहूर्त : दोपहर 02:16 से 02:58 तक।
  3. गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:43 से 06:10 तक।
  4. रवि योग: सुबह 07:15 से 08:07 तक।
मकर संक्रांति का वाहन :-
  • साल 2024 में मकर संक्रांति का वाहन अश्व है।
  • मकर संक्रांति पर सूर्य देव अश्‍व पर सवार होकर आ रहे हैं।
  • सूर्यदेव का उपवाहन होगा सिंह।
  • इस बार की संक्रांति का स्वरूप काले वस्त्र धारण किए हुए हैं जो शनिदेव का रंग है।
  • मकर राशि के स्वामी भी शनि है।
  • मकर संक्रांति का आगमन दक्षिण दिशा से और गमन उत्तर दिशा से होगा।
  • मकर संक्रांति को देवी के रूप में भी पूजा जाता है। 
  • यह देवी माथे पर हल्दी का तिलक लगाए और स्वर्ण आभूषण धारण किए हैं।
  • इस वर्ष गुरु की प्रधानता के चलते कन्या के विवाह में अड़चन नहीं आएगी। 
  • कन्याओं को हल्दी का तिलक लगाने से विवाह जल्दी तय होगा। 
  • 15 जनवरी को विशेष दान पुण्य करने पर सूर्य के साथ ही शनि और गुरु की कृपा भी प्राप्त होगी
  • जिससे आपकी उन्नति के साथ आरोग्यता प्राप्त होगी।
 
मकर संक्रांति का फल:-
- चोरी की घटनाएं बढ़ने की संभावना है।
- चीजों की कीमत और महंगाई सामान्य रहेगी।
- लोगों के जीवन में स्थिरता आएगी।
- सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या बढ़ जाएगी।
- दो देशों के बीच संघर्ष बढ़ेगा।
- इस बार बारिश कम होने की संभावना है।
- यदि वर्षा कम हुई तो अकाल पड़ेगा। अन्न की कमी हो जाएगी।
- इस बार अश्‍व की तरह मेहनत और सिंह की तरह साहस करना होगा तभी परिणाम प्राप्त होंगे। 
- सिंह के समान ऊर्जावान रहकर ही कुछ हासिल कर सकते हैं।
- संक्रंति का दक्षिण दिशा से आगमन के कारण शेयर मार्केट में उछाल देखने को मिलेगा।
- दुध और इससे बनने वाली वस्तुओं का उत्पादन और मांग बढ़ेगी। गेंहू के उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है।
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