लाडकी बहिन योजना से गडकरी नाराज, अपनी ही सरकार पर कसा तंज
Maharashtra news in hindi : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वंचित महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाली महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी लाडकी बहिन योजना अन्य क्षेत्रों में सब्सिडी के समय पर भुगतान को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने सरकार को विषकन्या बताया और कहा कि चाहे किसी भी राजनीतिक पार्टी की सरकार हो, इसे दूर रखा जाना चाहिए। गडकरी ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त में की है जब राज्य में महायुति सरकार इस योजना का आक्रामक ढंग से प्रचार कर रही है।
लाडकी बहिन पर भाजपा के नेता की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि अगर सरकार में शामिल लोग ही कह रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था संकट में है तो यह चिंता का विषय है।
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अपने लोकसभा क्षेत्र नागपुर में एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि यह अनिश्चित है कि क्या निवेशकों को उनकी सब्सिडी का भुगतान समय पर मिलेगा क्योंकि सरकार को लाडकी बहिन योजना के लिए भी निधि आवंटित करनी है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में उद्यमियों को निवेश करने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि सबकुछ सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मेरी राय है कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, सरकार को दूर रखो। सरकार विषकन्या की तरह होती है, जो जिसके साथ जाती है उसे बर्बाद कर देती है। इसलिए उस मामले में मत पड़ो।
गडकरी ने कहा कि अगर आपको सब्सिडी मिल रही है तो ले लो, लेकिन फिर यह तय नहीं है कि सब्सिडी कब मिलेगी। लाडकी बहिन योजना शुरू होने के साथ ही उन्हें सब्सिडी के लिए आवंटित निधि इस काम के लिए इस्तेमाल करनी पड़ेगी।
महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत 21 से 62 वर्ष की आयु की उन विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है जिनकी पारिवारिक आय सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लाई गई इस योजना से हर साल सरकारी खजाने पर 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने कहा कि गडकरी ने बहुत सही बयान दिया है। यदि ऐसे समय में धन का दुरुपयोग और कुप्रबंधन होता है जब खजाने में धन की कमी है और सरकार अन्य योजनाओं को निलंबित कर रही है, तो क्या केंद्र सरकार की कोई जिम्मेदारी (राज्य की योजना के संबंध में) बनती है?
गौरतलब है कि भाजपा विधायक टेकचंद सावरकर ने भी पिछले सप्ताह लाडकी बहिन योजना को नवंबर में होने वाले चुनावों में महिलाओं के वोट हासिल करने के लिए एक जुगाड़ कहा था।
Edited by : Nrapendra Gupta