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Last Updated : मंगलवार, 26 नवंबर 2019 (12:03 IST)

Maharashtra के सियासी संग्राम पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 27 नवंबर को होगा फ्लोर टेस्ट

Maharashtra के सियासी संग्राम पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 27 नवंबर को होगा फ्लोर टेस्ट - Supreme Court orders Floor Test in the Maharashtra assembly to be held on November 27 before 5 pm
नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीतिक जोड़तोड़ के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने अहम आदेश में कहा कि 27 नवंबर को फ्लोर टेस्ट हो। कोर्ट ने कहा कि कल शाम 5 बजे तक विधायकों की शपथ पूरी करवाई जाए। कोर्ट ने कहा कि गुप्त मतदान न हो, पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण हो। कोर्ट ने कहा कि पहले बहुमत परीक्षण होगा, उसके बाद प्रोटेम स्पीकर का चु्नाव कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक जोड़तोड़ की स्थिति बनी हुई। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण एक महीना बीत जाने के बाद भी सरकार का गठन नहीं हुआ। हालांकि भाजपा-शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन मुख्‍यमंत्री पद को लेकर इनके गठबंधन की गाड़ी पटरी से उतर गई। 
 
इस बीच, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर 'महाविकास अघाड़ी' के नाम से एक नया गठबंधन बनाया। इससे पहले कि तीनों दल राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करते, 23 नवंबर को सुबह-सुबह देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेकर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को चौंका दिया था। फडणवीस के साथ अजित पवार ने भी शपथ ली साथ ही एनसीपी के विधायकों के समर्थन का आश्वासन भी दिया। 
 
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और सभी पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पूर्व संध्या यानी 25 दिसंबर की शाम को मुंबई के होटल हयात में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक एकत्रित हुए। कुछ अन्य विधायकों को मिलाकर यह संख्या 162 बताई गई, जो कि बहुमत से 17 ज्यादा है। 
 
इस अवसर पर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा था अब हम बताएंगे कि शिवसेना क्या चीज है। उन्होंने कहा कि हमें जितना रोकेंगे हम उतने ही मजबूत होंगे। भाजपा 25 साल में ‍भी शिवसेना को नहीं समझ पाई। 
 
इसी मौके पर शरद पवार ने कहा था कि भाजपा ने गलत तरीके से सरकार बनाई है। राकांपा नेता ने विधायकों से कहा कि किसी भी तरह के भ्रम में नहीं आएं। अजित पवार का निर्णय पार्टी का निर्णय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
 
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, कांग्रेस को 44 एवं अन्य दलों और निर्दलीयों को 29 सीटें मिली हैं। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायकों की आवश्यकता है।