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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 7 जून 2022 (22:21 IST)

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में पंचायत चुनाव ने पेश की मिसाल, समरस पंचायत बन विकास की खोली राह

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में पंचायत चुनाव ने पेश की मिसाल, समरस पंचायत बन विकास की खोली राह - Women victory in Panchayat elections in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वक्त पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट जोरों पर है। नामांकन दाखिल करने के साथ ही उममीदवारों ने जनता के बीच पहुंचकर प्रचार करना भी शुरू कर दिया है। गांव गांव में जहां चुनावी रस्साकशी देखी जा रही है, वहीं प्रदेश में कई ऐसे गांव और पंचायत है जो समरस पंचायत बन गई है। समरस पंचायत वह पंचायत है जहां पर निर्विरोध निर्वाचन हो रहा है। इन गांवों में आपसी सहमति से पंच के सभी पदों और सरपंच पद निर्विरोध निर्वाचित हो गए है। वहीं पंचायत चुनाव महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई इबारत लिख रहे है।
पंचायत चुनाव में महिला सशक्तिकरण की मिसाल- मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बन गए है। राजधानी भोपाल और बालाघाट की एक-एक ग्राम पंचायत ऐसी है जहां पर सरपंच सहित पंच के सभी पदों पर महिलाओं ने निर्विरोध जीत हासिल की है। भोपाल की आदमपुर छावनी पंचायत में सरंपच सहित 20 पंच निर्विरोध निर्विचत हुई है, जिसमें सरपंच सहित 22 पंच महिलाएं है।  
 
वहीं पंचायत चुनाव में बालाघाट जिले के गांव बघोली ने भी प्रदेश भर में मिसाल कायम की है। इस ग्राम पंचायत के लोगों ने आपसी सहमति और सोच विचार के बाद निर्णय लिया कि यहां पंच से लेकर सरपंच पद का चुनाव न करवाते हुए निर्विरोध निर्वाचन किया जाएगा। नतीजा ये रहा कि इस ग्राम पंचायत के सभी 15 पंच और सरपंच का निर्वाचन निर्विरोध हो चुका है। जो बात इस फैसले को खास बनाती है वो है, ये सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं। अपनी गांव की बागडोर महिलाओं के हाथ में देकर इस गांव ने प्रदेश भर में अनूठा काम किया है।

बघोली की नवनिर्वाचित सरपंच पुष्पा बाहेश्वर गांव वालों का धन्यवाद करते हुए कहती है कि उनकी कोशिश गांव में विकास की नई इबारत लिखने की होगी। बघोली गांव ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की है। घर की चहारदीवारी से निकालकर नेतृत्व की बागडोर आधी आबादी में देने के उनके इस फैसले में पूरे गांव का साथ मिला। 
 
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह ग्राम जैत समेत बुदनी की मढ़ावन, चीकली में भी सरपंच का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। इसके साथ नसरूल्लागंज की ससली, बड़नगर, अम्बाजदीद, मोगरखेड़ा, कोसमी और लावापानी में निर्विरोध निर्वाचन संपन्न हुआ है। 
 
प्रदेश में बड़ी तदाद में समरस पंचायत घोषित होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि  यह मेरे लिए अत्यंत आनंद और हर्ष का क्षण है। मध्यप्रदेश की 'समरस पंचायतों' में हमारी बहनें और भाई  निर्विरोध सरपंच और उपसरपंच चुने जा रहे हैं। यह समाज में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन को द्योतक है। महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। हम सबका ध्येय केवल विकास और जनकल्याण है। मुझे खुशी है हमारी 'समरस पंचायतें' और हम सभी इस दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारी बहनें बढ़ें, पंचायतें बढ़ें और मध्यप्रदेश विकास के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दे, यही कामना। गौरतलब है कि  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा भी की थी कि जिन ग्राम पंचायतों में निर्विरोध निर्वाचन (समरस पंचायत) होगा,  उन्हें विकास के लिए पुरस्कार राशि दी जाएगी। 
 
दरअसल पंचायत चुनाव यूं तो ग्राम विकास की चाबी होते हैं लेकिन ज्यादा प्रतिस्पर्धा के कारण कई बार आपसी मनमुटाव का कारण भी बन जाते हैं। भोपाल के आदमपुर और बालाघाट के बघोली जैसे गांवों से प्रेरणा लेते हुए अगर प्रदेश के और भी गांव इस तरह की प्रेरणा लेते हैं, तो बेहतर माहौल में गांव की सरकार काम कर पाएगी।
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