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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 8 जनवरी 2022 (17:12 IST)

चर्चित मुद्दा: कोरोना की तीसरी लहर में क्या ऑफलाइन तरीके से होंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी के एग्जाम?

चर्चित मुद्दा: कोरोना की तीसरी लहर में क्या ऑफलाइन तरीके से होंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी के एग्जाम? - Will college and university exams be held offline in the third wave of corona in Madhya Pradesh?
भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आए मध्यप्रदेश में अब मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही है। प्रदेश में कोरोना के केस हर नए दिन के साथ बढ़ते जा रहे है। कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए सरकार ने अब सख्ती करते हुए पाबंदी लगाना भी शुरु कर दिया है। लेकिन इन पाबंदियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एग्जाम किस तरह से होंगे। ऐसे में जब कोरोना की तीसरी लहर में कई यूनिवर्सिटी के छात्र और शिक्षक भी संक्रमित होने लगे है तब यह सवाल और बड़ा हो गया है। 
 
कोरोना की तीसरी लहर में दिन प्रतिदिन तेज होने और महामारी के बढ़ते प्रकोप के खतरे को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने परीक्षाओं को ऑफलाइन करने की मांग तेज कर दी है। परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने को लेकर NSUI लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। 
 
ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी के एमए (संस्कृत) के प्रथम वर्ष के छात्र गौरव जैन का कहना है कि कोरोना की बढ़ते केस को देखते हुए परीक्षाएं ओपनबुक पद्धति से होनी चाहिए। वह सवाल उठाते हुए कहते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई होने के बाद भी ऑफलाइन एग्जाम कराना समझ से परे है।  

वहीं इंदौर में देवी आहिल्या यूनिवर्सिटी केे छात्र रोहित कुमार कहते हैं कि इंदौर में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है वैसे मेंं एग्जाम ऑफलाइन करना खतरे से कम नहीं हैै। वह सरकार से मांंग करते हैं कि सरकार छात्रों के हित को देखते हुए ऑनलाइन एग्जाम कराए। 
 
कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं किस तरह से हो इस वक्त के सबसे चर्चित मुद्दे को लेकर ‘वेबदुनिया’ ने मध्यप्रदेश को दोनों बड़े छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) से जुड़े प्रमुख पदाधिकारियों से बात की। 
 
वेबदुनिया’ से बातचीत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रांत संगठन मंत्री प्रवीण शर्मा कहते हैं जहां कोविड की स्थिति ठीक है वहां परीक्षाएं ऑफलाइन होनी चाहिए। वहीं जहां कोरोना के केस बढ़ रहे है वहां ओपनबुक पद्धति से परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। जैसे इंदौर में अभी केस बढ़ रहे है और स्थिति गंभीर बन रही है वहां ओपनबुक पद्धति से परीक्षा कराई जानी चाहिए। 
 
वहीं वह आगे कहते हैं कि विद्यार्थी परिषद ने ऑफलाइन परीक्षा को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया था कि अगर कोविड की स्थिति ठीक है तो परीक्षा ऑफलाइन ही होनी चाहिए। भोपाल में बरकताउल्ला विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षा कर रहा है जोकि परीक्षा कराने का एक सफल मॉडल है। जहां-जहां परिस्थितियां ठीक है वहां इस मॉडल को अपना सकते है। प्रदेश के बड़ी संख्या में छात्र चाहते हैं कि ऑफलाइन तरीके से परीक्षा हो और इसकी मांग भी छात्र उनसे लगातार कर रहे है। विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मानना है कि जहां परिस्थितियां ठीक है वहां ऑफलाइन परीक्षा ही कराई जानी चाहिए।  
वहीं मध्यप्रदेश NSUI के प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी ‘वेबदुनिया’  से बातचीत में कहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार शादी-विवाह में लोगों की भीड़ को कम करने के लिए लगातार नए नियम ला रही है वहीं दूसरी ओर छात्रों के भविष्य और जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कोरोनाकाल में छात्रों के जीवन को खतरे मे डालते हुए उच्च शिक्षा विभाग ऑफलाइन परीक्षा कराने की तैयारी में। जबकि  कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए ओपनबुक प्रणाली या ऑनलाइन परीक्षा करानी चाहिए। 
 
ओपनबुक एग्जाम को लेकर सड़क पर NSUI- उच्च शिक्षा विभाग के ऑफलाइन परीक्षा कराए जाने के हठ के खिलाफ और छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए NSUI लगातार प्रदेश के  यूनिवर्सिटी का घेराव कर रही है और इसकी क्रम में 11 जनवरी को जीवाजी यूनिवर्सिटी का घेराव करने जा रही है।
 
वहीं पिछले दिनों भोपाल में बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष आशीष शर्मा के नेतृत्व में एनएसयूआई पदाधिकारी छात्र-छात्राओ ने आनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया था। लेकिन प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई पदाधिकारीयों और छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया था।