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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 8 नवंबर 2022 (19:30 IST)

भाजपा में फिर गर्माया नेता-पुत्रों को टिकट देने का मुद्दा, बोले सत्यनारायण जटिया, योग्य नेता-पुत्रों को मिले मौका

भाजपा में फिर गर्माया नेता-पुत्रों को टिकट देने का मुद्दा, बोले सत्यनारायण जटिया, योग्य नेता-पुत्रों को मिले मौका - Will BJP leaders and sons get tickets in Madhya Pradesh assembly elections?
भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में एक बार फिर परिवारवाद और नेता-पुत्रों को विधानसभा चुनाव में टिकट देने का मुद्दा गर्मा गया है। मंगलवार को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने आए भाजपा के दिग्गज नेता और पिछले भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए सत्यनारायण जटिया ने खुलकर इस मुद्दे पर बात रखी। सत्यनारायण जटिया ने कहा कि नेता पुत्र होना कोई दोष नहीं है। जिस व्यक्ति को टिकट दिया जा रहा है वह व्यक्ति योग्य होना चाहिए, चाहे वह नेता पुत्र हो।

सत्यनारायण जटिया का बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा में विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। ऐसे में जब गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा परिवारवाद पर पीएम मोदी की गाइडलाइन का सख्ती से पालन कर रही है तब सवाल है कि क्या अगले साल मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता-पुत्रों को टिकट देकर परिवारवाद पर बनाई अपनी गाइडलाइन को तोड़ती है।

परिवारवाद पर पीएम मोदी की गाइडलान?-दरअसल इसी साल जुलाई में जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि परिवारवादी पार्टियां देश को पीछे ले जाने पर तुली हुई हैं और भाजपा को इन परिवारवादी पार्टियों से निरंतर मुकाबला करना है। अगर लोकतंत्र बचाना है, लोकतंत्र को सामर्थ्यवान और मूल्यनिष्ठ बनाना है, तो हमें वंशवाद, परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ अविरत संघर्ष करना ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीति को देश के लिए बड़ा खतरा बताते है। वह कहते हैं कि परिवारवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा शत्रु है। इससे राजनीति में सक्रिय प्रतिभाशाली लोगों को कठिनाई आती है और गंभीर समझौते करने पड़ते हैं। 
 

भाजपा में नेता-पुत्रों की लंबी सूची-मध्यप्रदेश भाजपा में दिग्गजों की श्रेणी में शामिल कई नेता ओं के पुत्र पार्टी और सार्वजनिक जीवन में काफी सक्रिय है। इनमें सबसे पहला नाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान, कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र सिंह तोमर, शिवराज सरकार में वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव, कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण मिश्रा, कैबिनेट मंत्री कमल पटेल के पुत्र सुदीप पटेल, गौरीशंकर बिसेन के पुत्री मौसम बिसेन, इंदौर से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन के पुत्र मंदार महाजन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया शामिल है। 

भाजपा में परिवारवाद के चेहरे!-दरअसल मध्यप्रदेश की राजनीति के अगर पन्नों के पलटे को पता चलता है कि परिवारवाद के सहारे सक्रिय राजनीति में एंट्री करने वाले नेताओं की एक लंबी चौड़ी सूची है इनमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय, कैलाश सांरग के पुत्र विश्वास सांरग, कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र अशोक रोहाणी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा जैसे प्रमुख नाम हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में ऐसे एक दर्जन से अधिक नाम है जिनका बैकग्राउंड परिवारवाद ही है।