ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीट से भाजपा किसे देगी मौका?
केपी यादव और नरोत्तम मिश्रा मेंं से किसी एक मिल सकता है मौका
गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव जीतने के बाद अब प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट रिक्त हो गई है। सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के साथ ही प्रदेश की रिक्त हुई राज्यसभा सीट से भाजपा किसे उच्चसदन भेजी गई यह सवाल सियासी गलियारों में चर्चा के केंद्र में आ गया है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा का कार्यकाल 2026 तक था लेकिन अब उनके लोकसभा का सदस्य चुने जाने के बाद राज्यसभा सीट रिक्त हो गई है।
भाजपा की ओर से राज्यसभा की रेस में गुना-शिवपुरी से निर्वतमान सांसद केपी यादव का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जा रहा है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना सीट से लड़ाया था। वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुना आए तो उन्होंने केपी यादव का जिक्र करते हुए कहा कि गुना के लोगों को दो-दो नेता मिलेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आपको केपी यादव भी मिलेंगे। केपी यादव ने गुना की जनता की बहुत सेवा की है। उनकी चिंता आप मुझ पर छोड़ देना। आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। ऐसें अब माना जा रहा है कि सिंधिया की खाली कई गई सीट पर बचे दो साल के समय के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व केपी यादव को राज्यसभा भेज सकता है।
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए टिकट के दावेदारों में सबसे आगे माने जा रहे है। विधानसभा चुनाव में दतिया से हार का सामना करने वाले नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने लोकसभा चुनाव के समय न्यू ज्वानिंग टोली का संयोजक बनाया था और नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के तीन वर्तमान विधायकों के साथ तीन पूर्व सांसदों के साथ जबलपुर महापौर और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराकर बखूबी अपनी भूमिका को अंजाम दिया। ऐसे में अब केंद्रीय नेतृत्व नरोत्तम मिश्रा को राज्यसभा भेज कर उनकी वरिष्ठता का फायदा उच्च सदन और प्रदेश में ले सकता है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद दतिया में कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि ''मैं लौट के आउंगा यह मेरा वादा है। समुद्र का पानी उतरता देखकर किनारे पर घर मत बना लेना। मैं ज्यादा समय शांत रहने वाला जीव नहीं हूं”। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव के बाद नरोत्तम मिश्रा के सियासी पुर्नवास की अटकलें लगाई जा रही है।
नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है पार्टी- राज्यसभा चुनाव में पार्टी किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। इसी साल मार्च में प्रदेश की खाली हुई पांच राज्यसभा सीटों में से पार्टी ने तीन नए चेहरों को उतार कर सभी को चौंका दिया था। पार्टी ने बाल योगी उमेशनाथ, बंशीलाल गुर्जर और माया नारोलिया को राज्यसभा भेजकर सभी को चौंका दिया था। ऐसे में अब संभावना है कि प्रदेश की रिक्त हो रही राज्यसभा सीट के लिए पार्टी किसी नए चेहरे को भी भेज सकती है।