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Written By विकास सिंह

मध्य प्रदेश में एक 'आंदोलनकारी' के रूप में नजर आ रहे शिवराज

मध्य प्रदेश में एक 'आंदोलनकारी' के रूप में नजर आ रहे शिवराज - Shivraj Singh Chauhan in new role
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आजकल अपने धरना प्रदर्शन के चलते खूब चर्चा में है। पिछले 10 दिनों में शिवराज 5 बार अलग- अलग कारणों से सड़क पर उतर चुके हैं। इस दौरान शिवराज का अंदाज और तेवर एकदम अलग ही नजर आया है। पिछले तेरह सालों में एक मुख्यमंत्री के तौर पर बेहद मिलनसार नजर आने वाले शिवराज एक आंदोलनकारी के रूप में नजर आ रहे हैं।
 
मासूम से रेप के विरोध में धरना  – राजधानी भोपाल में एक आठ साल की मासूम के साथ रेप के बाद शिवराज सड़क पर उतर पड़े। पीड़ित परिवार के घर पहुंचने के साथ शिवराज लगातार दो दिन आरोपी की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर भोपाल में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।
 
इस दौरान शिवराज ने जहां कमलनाथ सरकार को घेरते हुए जमकर प्रहार किया वहीं रेप की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ एक जन आंदोलन भी शुरू किया। शिवराज ने मासूम से रेप के दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मुहिम शुरू की।
 
बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत – सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के साथ ही शिवराज ने बेटियों को बचाने के लिए एक जनआंदोलन की भी शुरुआत की है। इसके तहत शिवराज ने भोपाल के अलग-अलग इलाकों में पहुंचकर मोहल्ला समितियों के गठन का काम शुरू कर दिया है। शिवराज इन समितियों के जरिए लोगों को बेटियों की सुरक्षा के लिए जागरुक करने के साथ ही छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने की जरुरी उपाय करने की बात कह रहे हैं।
 
इसके साथ ही इस मुहिम को राष्ट्रव्यापी बानने के लिए शिवराज 7 जुलाई को भोपाल के भवानी चौक से जहांगीराबाद तक एक बेटी बचाओ मार्च निकालने जा रहे हैं। इसमें समाज के सभी वर्गों के शामिल होने की अपील शिवराज ने की है। आंदोलन के दौरान शिवराज अपने को खुद एक सामजिक कार्यकर्ता बताते हुए लोगों से बेटियों के सम्मान के लिए आगे आने की अपील करते हैं।
 
बिजली कटौती के विरोध में सड़क पर – सूबे में अघोषित बिजली कटौती के विरोध शिवराज सिंह चौहान सड़क पर उतरे। शुजालपुर में पार्टी के कार्यक्रम में लालटेन यात्रा के दौरान शिवराज प्रदेश की कमलनाथ सरकार को जमकर कठघरे में खड़ा किया। शिवराज बार-बार अपनी स्टाइल में सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर सरकार ने जल्दी ही व्यवस्था नहीं सुधारी तो वो एक आंदोलन खड़ा करेंगे। इसके साथ ही शिवराज पानी और कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
 
आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व – पिछले दस दिनों से कमलनाथ सरकार को अकेले दम पर घेरने वाले शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व कर सरकार को झकझोर दिया। आदिवासी आंदोलन के दौरान सौम्य स्वभाव के शिवराज के तेवर तीखे नजर आए। आदिवासियों को धरना स्थल तक जाने से रोकने की कोशिश जब पुलिस प्रशासन के अफसरों ने की तो शिवराज उन पर भड़क गए और जमकर खरीखोटी सुनाई।
 
इस दौरान शिवराज खुद आंदोलन का नेतृत्व करते हुए टैक्टर पर सवार होकर आदिवासियों को लेकर टीटी नगर में धरना स्थल पहुंचे। यहां पर सरकार पर जमकर हमला बोलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के बुलाने पर उनसे मिलने मंत्रालय पहुंचे। मुख्यमंत्री कमलनाथ की आदिवासियों की सभी मांगे माने जाने के बाद शिवराज के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने विजय जुलूस निकाला इस दौरान एक आदिवासी ने शिवराज को अपने कंधे पर उठा लिया।
 
आज भारत माता चौराहा पर धरना – भोपाल में कथित तौर पर थाने में पुलिस की पिटाई से युवक शिवम मिश्रा की मौत के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज शिवराज भोपाल में भारत माता चौराहा पर धरना दे जा रहे हैं। शिवराज ने खुद लोगों से इस धरने में शामिल होने की अपील कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की अपील की है। शिवराज ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
 
खास बात यह हैं कि शिवराज के यह तेवर उस वक्त हैं जब पार्टी हाईकमान ने उनको दिल्ली में बड़ी बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पार्टी की सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया है। ऐसे में सवाल यहीं खड़ा हो रहा है कि क्या शिवराज इन आंदोलनों और धरना प्रदर्शन के जरिए एक बार फिर अपनी सियासी ताकत दिखाना चाह रहे हैं। यहां गौर करने वाली बात यह भी हैं कि इन आंदोलनों में शिवराज के साथ पार्टी का कोई बड़ा नेता नजर भी नहीं आ रहा है।  
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