मध्यप्रदेश की सभी नदियों में मशीनों से खनन पर प्रतिबंध : शिवराज
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि प्रदेश की सभी नदियों में मशीनों से रेत उत्खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध का फैसला लिया गया है और ऐसा करते पाए जाने वाले सभी उपकरण राजसात होंगे।
नमामि देवी नर्मदे- सेवा यात्रा के आगामी कार्यक्रम पर यहां मंत्रालय में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि सभी नदियों में मशीनों से रेत उत्खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध संबंधित अधिसूचना सोमवार को ही जारी होगी। अवैध उत्खनन करते पाए जाने वाले वाहन, मशीन और उपकरण राजसात किए जाएंगे जिसके अधिकार कलेक्टरों को दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेत विपणन की प्रभावी व्यवस्था की जाएगी। पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें आईआईटी खड़गपुर की टीम वैज्ञानिक अध्ययन कर रिपोर्ट देगी। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अस्थायी फैसला लिया गया है, इसमें नर्मदा में रेत खनन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बाकी फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्मदा को जीवित इकाई का दर्जा दिया गया है। रेत उत्खनन पर प्रतिबंध से श्रमिकों के रोजगार पर असर का ध्यान रखते हुए व्यवस्था की जाएगी कि श्रमिकों को अन्य योजनाओं से रोजगार मिले।
चौहान ने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए रेत खनिज की आवश्यकता होती है, विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना चाहिए, इसके लिए सरकार तात्कालिक व दीर्घकालिक नीति बनाएगी। पत्थर पीसकर रेत बनाने का कार्य किया जाएगा और मैन्युफैक्चर्ड रेत पर 3 साल तक कोई रॉयल्टी नहीं ली जाएगी।
नर्मदा नदी के दोनों तटों पर व्यापक पैमाने पर पौधारोपण की योजना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि 2 जुलाई को 6 करोड़ पौधे रोपित किए जाएंगे। नर्मदा के तट से कैचमेंट इलाके में ये पौधारोपण होगा, इसके लिए कलेक्टरों को नक्शे बनाकर स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे जिनसे शुद्ध करके खेत व बाग-बगीचों को देंगे। पूजन सामग्री विसर्जन के लिए पूजन कुंड बनाए जाएंगे। नदी के पास की शराब दुकानें बंद होंगी।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर जागरूकता के लिए विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें जनप्रतिनिधि, गैरसरकारी संगठन, साधु-संत और सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे। (वार्ता)