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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: गुरुवार, 5 नवंबर 2020 (16:15 IST)

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के नतीजों से पहले शिवराज की लंच डिप्लोमेसी !

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के नतीजों से पहले शिवराज की लंच डिप्लोमेसी ! - Shivraj's lunch diplomacy before the results of the by-elections in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में वोटिंग के बाद अब सबकी निगाहें दस नवंबर की तारीख पर टिक गई है। कोरोना के बाद भी कई विधानसभा सीटों पर हुई बंपर वोटिंग ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं और उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी है।

मंगलवार को आने वाले नतीजे किसका 'मंगल' करेंगे यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है,लेकिन नतीजों के पहले वोटिंग को लेकर जमीनी हकीकत जनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खेमों में लगातार बैठकों का दौर जारी है। प्रदेश में सरकार का भविष्य के साथ–साथ आगे की राजनीति को दिशा तय करने वाले उपचुनाव के नतीजों को लेकर उम्मीदवारों के साथ साथ पार्टी के बड़े नेताओं में भी बैचेनी और चिंता साफ महसूस की जा रही है। 
 
एक महीने से अधिक लंबे समय तक चले चुनावी प्रचार के बाद आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रबंधन के काम में लगे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लंच किया। राजधानी के एक निजी होटल में हुए इस लंच में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा,पार्टी के संगठन मंत्री सुहास भगत और उपचुनाव के प्रभारी और मंत्री भूपेंद्र सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
 
औपचारिक तौर पर सीएम शिवराज की ओर से दिए गए लंच को चुनाव में लगे कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देने और उनका हौंसला बढ़ाने वाला बताया गया है। लंच को लेकर जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मीडिया ने मतगणना के बाद की आगे की प्लानिंग को लेकर सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लानिंग की कोई जरूरत नहीं और सरकार रहेगी और सरकार अच्छी चल रही आप देख ही रहे है।  
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार को लेकर आश्वास्त नजर आ रहे है लेकिन लंच के साथ उनकी चुनाव से जुड़े लोगों से वन-टू-वन चर्चा के कई सियासी मयाने  तलाशे जा रहे है। पार्टी संगठन अब वोटिंग के बाद बनने वाले संभावित सियासी समीकरणों को लेकर सतर्क होता दिख रहा है। 
 
पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी अब उपुचनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। एक दिन पहले पार्टी ने पूर्व गौरीशंकर शेजवार, उनके बेटे मुदित शेजवार और पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार को कारण बताओ नोटिस थमाकर इसके संकेत दे दिए है। 
 
प्रदेश की सियासत से जुड़े चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि पार्टी को कई सीटों पर भितरघात के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। चुनाव को लेकर पार्टी ने अंदरूनी तौर पर जो अपनी रिपोर्ट तैयार करवाई है उसमें कई सीटों पर बड़े नेताओं  के सक्रिय नहीं होने और अंदरूनी तौर पर पार्टी के अधिकृत उम्मीवदार के खिलाफ काम करने की भी रिपोर्ट प्राप्त हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद चुनाव प्रबंधन में काम में लगे लोगों से बातकर हर बारीकी से सियासी विश्लेषण करने में जुटे हुए दिखाई दे रहे है।  
 
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