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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: सोमवार, 19 सितम्बर 2022 (13:50 IST)

मध्यप्रदेश में अपने ही मंत्रियों से घिरती भाजपा सरकार, पन्ना पोषण आहार मामले में नाराज शिवराज

मध्यप्रदेश में अपने ही मंत्रियों से घिरती भाजपा सरकार, पन्ना पोषण आहार मामले में नाराज शिवराज - Shivraj government surrounded by its own ministers in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरह कांग्रेस प्रदेश सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है तो दूसरी खुद शिवराज सरकार के दिग्गज मंत्री अपनी ही सरकार की लगातार मुश्किलें बढ़ा रहे है। ताजा मामला शिवराज सरकार में खनिज बृजेंद्र प्रताप सिंह से जुड़ा है। कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी विधानसभा क्षेत्र पन्ना के अजयगढ़ ब्लॉक में 117 स्कूलों में पिछले 6 महीने से माध्यान्ह भोजन नहीं बांटने का आरोप लगाया है। खनिज मंत्री ने बकायदा एक पत्र लिखकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से इसकी शिकायत की। खनिज मंत्री के स्कूल शिक्षा मंत्री को लिखे इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेर लिया। 
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए कहा कि पोषण आहार के नाम पर किस प्रकार से प्रदेश में फर्जीवाड़ा किया गया। अब सरकार के जिम्मेदार खुद उसकी सच्चाई को सामने ला रहे हैं। पता नहीं सरकार कब इसकी सच्चाई को स्वीकार करेगी। मध्यान्ह भोजन के वितरण का मामला बेहद गंभीर है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि इसकी भी उच्च स्तरीय जांच हो,इस योजना में भी फ़र्ज़ीवाड़ा बंद हो,इसके दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो। 

वहीं एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि शिवराज सरकार में किस प्रकार से सरकारी योजनाओं में फर्जीवाडे व भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है,किस प्रकार से यह सारी योजनाएं कागजों पर चल रही है,इसके प्रमाण समय-समय पर सामने आते रहे हैं।

वहीं पूरे मामले पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना के जिला प्रशासन को तलब किया और शाम तक पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। 

अपनी ही सरकार को घेरते मंत्रियों के बयान- कैबिनेट मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह से पहले कि शिवराज सरकार में सीनियर मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और बृजेंद्र सिंह यादव भी अपने बयानों  से सरकार की मुश्किलें बढ़ा चुके है। 

शिवराज सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सार्वजनिक तौर पर राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को निरंकुश करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह जैसा अधिकारी जिसके बारे में मेरे पास शब्द नहीं हैं, प्रशासन निरंकुश है और उसका आधार मैं मुख्य सचिव को ही मानता हूं। महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा था कि मुख्य सचिव और अधिकारी उनका फोन नहीं उठाते है। 
 
इतना ही नहीं महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अपने प्रभार वाले जिले शिवपुरी के एसपी राजेश चंदेल की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर की करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को चिट्ठी लिखी थी। सिसोदिया ने शिवपुरी जिले में थाना प्रभारियों के तबादलों में उनकी रजामंदी नहीं लिए जाने पर नाराजगी जाहिर की और इस नाराजगी को लेकर कलेक्टर को एक चिट्ठी भी लिखी। 

वहीं प्रदेश सरकार में लोक यांत्रिकी मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने सहकारिता संस्था में नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। 

भाजपा विधायक भी पीछे नहीं-ऐसा नहीं है कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की मुसीबतें केवल मंत्री ही बढ़ा रहे है। भाजपा के विधायक भी सरकार को घेरने में पीछे नहीं है। मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी, जबलपुर के पाटन से सीनियर भाजपा विधायक अजय विश्नोई और रीवा के सिरमौर से भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह भी लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर है। ऐसे में अब जब 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा सरकार और संगठन दोनों ही मिशन मोड पर काम कर रहा है तब सरकार के मंत्रियों और विधायकों को अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करना इस बात पर सवालिया निशान उठाता है कि खुद को अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा में क्या सब कुछ ठीक ठाक है।