बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत पर उठे सवाल, कोदो नहीं घटना का असली कारण ढूंढें अफसर: CM डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में संदिग्ध परिस्थितियों में 10 हाथियों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार के नेतृत्व में एक जांच दल बांधवगढ़ भेज कर 24 घंटे में पूरी रिपोर्ट तलब की है। गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली क्षेत्र में 29 अक्टूबर को हाथियों की मौत का सिलसिला शुरु हुआ था जिसमें अब तक 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। वहीं वन विभाग के मुताबिक 13 हाथियों के झुंड में से 3 हाथी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं जिनकी निगरानी एक टीम लगातार कर रही है।
पोस्टमार्टम के आधार पर डॉक्टरों ने हाथियों की मृत्यु के संबंध में कोदो से जुड़े संदिग्ध माइकोटॉक्सिन की आशंका जतायी है। वहीं फोरेंसिक जांच के बाद मौत के सही कारण की पुष्टि होगी। वहीं हाथियों की मौत का सहीं कारण जानने के लिए मृत हाथियों का विसरा एसडब्लूएफएच जबलपुर और राज्य फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) सागर भेजे गए।
कोदो से हाथियों की मौत पर सवालिया निशान-10 हाथियों की मौत पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आला अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने मृत हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोदो से जुड़े संदिग्ध माइकोटॉक्सिन की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि कोदो खाने से हाथियों की मौत का कारण सही नहीं लगाता इसलिए एक उच्च स्तरीय दल मौके पर जांकर इसकी जांच करें। मुख्यमंत्री ने घटना के सभी पहलुओं की जानकारी लेने के लिए एक उच्च स्तरीय दल तत्काल घटना स्थल पर रवाना करने के निर्देश दिए, जांच दल 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाथियों की मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम में हाथियों के पेट में बड़ी मात्रा में कोदो पाए जाने की जानकारी मिली है। जो सैंपल हाथियों के पेट से लिए गए हैं, उनकी वैज्ञानिक जाँच की जायेगी। उसमें यह स्पष्ट होगा कि किसी तरह का जहरीला पदार्थ तो नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चूंकि जाँच रिपोर्ट आने में चार दिन की अवधि संभावित है, इसलिए जांच मौके पर जाकर 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट दें।
मुख्यंमंत्री के निर्देश वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार के नेतृत्व में अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव आज बांधवगढ़ पहुंच रहे है और घटना को लेकर विस्तृत जांच करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घटना में दोषी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस तरह की घटनाएं फिर न हो, इसके लिए वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और सभी पक्ष सजग और संवदेनशील रहें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उमरिया में हाथियों की मृत्यु की घटना में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने और उपचार एवं अन्य प्रबंधन में विलंब की बात सिद्ध होने पर दोषी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
संदिग्ध हालत में 10 हाथियों की मौत-उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के RF384 और PF 183A में एक साथ 10 हाथियों की मौत हो गई है। टाइगर रिजर्व के इस इलाके मे हाथियों एक झुंड पिछले कई दिनों से घूम रहा था जिसमें 13 हाथी थे। जिस इलाके में हाथियो की संदिग्ध हालात में हुई है उस इलाके से कई गांव लगे हुए और हाथियों का झुंड जब गांव में एंट्री किया था तो ग्रामीणों ने हाथियों का खदेड़ा भी था। वहीं इस इलाके में बड़े पैमाने पर कोदो की खेती होती है। हाथियों की मौत के बाद विभाग ने खेतों में खड़ी कोदो की फसल को नष्ट करवा दिया है।
वन विभाग के वन्यजीव पशु चिकित्सक आईवीआरआई बरेली, डब्ल्यूआईआई देहरादून, राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर, सीसीएमबी हैदराबाद के विशेषज्ञों से भी नियमित संपर्क में हैं एवं परामर्श ले रहे हैं ताकि माइकोटॉक्सिन के बारे में सही जानकारी मिल सके।