मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर जिले के बरमान से करेली की ओर आ रहा ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने खाईनुमा खेत में जा धंसा। स्टील की चादरों के रोल से लदा ट्रक जैसे ही खाई में गिरा तो चादरों के रोल के वजन से ट्रक का इंजिन जमीन में धंस गया और ड्राइवर अपनी ही सीट पर स्टेरिंग में फंसकर रह गया।
घटना की जानकारी 100 नंबर पर पुलिस को दी गई जहां करेली पुलिस और 108 का अमला जेसीबी और हाइड्रा वाहन लेकर मौके पर पहुंचा और फिर शुरू हुआ एक जान को बचाने के लिए बचाव अभियान।
अंधेरे की वजह से रेस्क्यू करना बड़ी चुनौती का काम था पर बिना हार माने टीम काम मे जुटी रही। चूंकि ट्रक ढलान पर था और चादर के बड़े-बड़े बंडल का दबाव भी काफी था। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही ड्राइवर प्रमोद की जान ले सकती थी।
करीब साढ़े तीन घंटे तक जेसीबी और हाइवा जैसी बड़ी मशीनों की मदद से रेस्क्यू अभियान बड़ी ही सावधानी से चलाया गया और अंततः प्रमोद को जीवित बाहर निकाल लिया गया। प्रमोद के पैर फंसे थे जबकि ऊपरी हिस्सा बाहर होने के चलते उसे निकालने में काफी वक्त लग गया। हालांकि ड्राइवर के पैरों में काफी चोट आई है।
प्रमोद को एम्बुलेंस से करेली अस्पताल रवाना किया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया है। पुलिस ने सक्रियता दिखात हुए निजी मशीनों की मदद से एक जान बचा ली, लेकिन जिस नेशनल हाइवे अथॉरिटी की इस रेस्क्यू में पहली जिम्मेदारी थी उसकी भूमिका बिल्कुल भी नजर नही आई।