गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
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मप्र विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

मप्र विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष - Madhya Pradesh Assembly Monsoon session
भोपाल। आज से शुरू हो रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। 26 जुलाई तक चलने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान ही कमलनाथ सरकार 10 जुलाई को अपना पहला पूर्ण बजट भी पेश करेगी। सूबे के वित्तमंत्री तरुण भनोट कह चुके हैं कि बजट लोगों को राहत देने वाला होगा। केंद्र के बजट से लोगों में जो निराशा हुई है वह प्रदेश बजट से नहीं होगी। वहीं विपक्ष इसी बजट के सहारे सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने में जुटा हुआ है
 
सत्ता पक्ष की रणनीति तैयार : सत्र से पहले सत्ता पक्ष की रणनीति तैयार करने के लिए रविवार देर शाम मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस विधायकों के साथ ही सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय और सहयोगी दल के विधायक भी मौजूद रहे। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल के बाद इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विधायकों को सत्र में एकजुट रहने के निर्देश दिए। बैठक में बसपा-सपा और निर्दलीय विधायकों ने सरकार को समर्थन करने का भरोसा भी दिलाया। वहीं बैठक में गुलाम नबी आजाद ने विधायकों को विपक्ष के जाल से बचने के बारे में जरूरी टिप्स दिए।
 
सदन में सरकार को घेरेगा विपक्ष : वहीं विपक्षी दल भाजपा सदन में सरकार को घेरने की लिए पूरी व्यूह रचना बनाने में जुटा हुआ है। इसके लिए आज शाम 7 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि सरकार की विफलताओं को सदन में विपक्ष प्रमुखता से उठाएगा। कांग्रेस सरकार ने किसान और लोगों से जो वादे किए थे उसको पूरा करने में वह विफल रही है। इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरेगा। इसके साथ ही अघोषित बिजली कटौती, किसान कर्जमाफी, बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों को भी जोरशोर से उठाएंगे। गोपाल भार्गव ने फिर कहा कि प्रदेश सरकार कब गिर जाए, इसका कोई भरोसा नहीं।