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Last Modified: बुधवार, 3 जुलाई 2019 (19:20 IST)

कमलनाथ सरकार के खिलाफ अतिथि शिक्षकों का हल्लाबोल, कई संगठनों का मिला साथ

कमलनाथ सरकार के खिलाफ अतिथि शिक्षकों का हल्लाबोल, कई संगठनों का मिला साथ - Kamal nath government
भोपाल। मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत कर दी है। उनके साथ अन्य दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ भी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। बुधवार को राजधानी भोपाल के शाहजहांनी पार्क में प्रदेश भर से आए अतिथि शिक्षकों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ ने धरना प्रदर्शन की शुरुआत कर दी।
 
इस दौरान उन्होंने कमलनाथ सरकार के वचन पत्रों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया। अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर बुधवार तक मुख्यमंत्री या उनका कोई प्रतिनिधि उनसे मिलकर कोई आश्वासन नहीं देते हैं, तो वो मुख्यमंत्री आवास का घेराव  करेंगे। अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले जन स्वास्थ्य रक्षक संगठन, मीटर वाचक संघ, रसोइया माता संगठन के कर्मचारी प्रदेशभर से राजधानी भोपाल में इकट्ठे हुए हैं।
 
वेबदुनिया से बातचीत में अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंभूचरण दुबे ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने चुनाव से अतिथि शिक्षकों से किए वादे को अब तक पूरा नहीं किया है, जिससे अतिथि शिक्षक ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं। शंभूचरण ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने व्यापम का भरपूर विरोध किया था और दस सालों तक कोई परीक्षा नहीं होने दी। लेकिन सत्ता में आने के तुरंत बाद ही कमलनाथ सरकार ने व्यापम की परीक्षा करवा दी। साथ ही सरकार के वचन पत्र में भी अतिथि शिक्षकों को लेकर वादे किए थे कि 90 दिन के अंदर अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। पर आज 8-9 महीने बीतने के बाद भी सरकार ने हम अतिथियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
 
आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे अतिथि शिक्षक : वेबदुनिया से बातचीत में दुबे ने बताया कि सरकार पुराने और अनुभवी अतिथि शिक्षकों के साथ धोखा कर रही है। उनको नई-नई प्रक्रियाएं बनाकर नौकरी से निकाला जा रहा है। साथ ही सरकार के एक नए नियम के अनुसार जिसमें सिर्फ 2018-19 के सत्र के अतिथि शिक्षकों को अतिरिक्त अंक देने का नियम बनाया गया है। इस नियम से भी पुराने अतिथि शिक्षकों में रोष है।