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Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला
Last Updated : सोमवार, 10 मई 2021 (13:07 IST)

Corona काल में कैसी है 'वॉरियर' पुलिस अधिकारियों की लाइफ स्टाइल

Corona काल में कैसी है 'वॉरियर' पुलिस अधिकारियों की लाइफ स्टाइल - How is the lifestyle in the 'Warrior' police officers' Corona Period
इंदौर। कोरोनावायरस (Coronavirus) के लगातार बढ़ते मामलों के बीच पुलिस अधिकारियों की चुनौतियों भी बढ़ गई हैं। ड्‍यूटी के साथ ही खुद को फिट और स्वस्थ रखना ही है साथ ही अपने अधीनस्थ कर्मियों और परिवार को भी संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी भी है। आइए जानते हैं कि ये 'वॉरियर पुलिस अधिकारी' खुद को फिट रखने और तनावमुक्त रखने के लिए किस तरह की लाइफ स्टाइल फॉलो कर रहे हैं... 
 
मन के जीते जीत है : गांधीनगर थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव पुरानी कहावत 'मन के जीते जीत है, मन के हार' का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि पूरी सावधानी बरतता हूं और अपना मॉरल भी हाई रखता हूं।

पिछले लॉकडाउन के दौरान जब मैं खजराना थाने में पदस्थ था तब कोरोना संक्रमण का शिकार भी हो गया था। इस बार हालात और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन पिछले सबक भी हैं। मैं खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिन में 3-4 बार बेटाडिन से गरारे करता हूं और भाप भी लेता हूं। मेरा मानना है कि नाक और मुंह को ठीक रखेंगे तो संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं। 
 
यादव कहते हैं कि खाने में नींबू, संतरा आदि बिटामिन सी वाले फलों का उपयोग ज्यादा करता हूं साथ ही प्रोटीन के लिए दाल भी खाने में नियमित रूप से लेता हूं। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध लेना नहीं भूलता। इसमें कोई शक नहीं कि इस बार कोरोना पीरियड में पब्लिक कॉन्टेक्ट ज्यादा है। गांधीनगर में हमने चेकिंग पॉइंट बनाया हुआ जहां से हादोत से आने-जाने वाले वाहन निकलते हैं। इस दौरान हम एक-एक गाड़ी को चेक करते हैं।
योग और प्राणायाम : खजराना टीआई दिनेश वर्मा ने वेबदुनिया से बातचीत में बताते हैं कि इन दिनों मैं थाना परिसर में बने रेस्ट रूम में ही रह रहा हूं। हाल ही में मेरी बेटी संक्रमित हो गई थी। ऐसे में अतिरिक्त सावधानी बरत रहा हूं क्योंकि ड्‍यूटी के साथ परिवार को भी संक्रमण से बचाना है। आउटडोर एक्टिविटी बंद हैं इसलिए रनिंग और वॉकिंग भी नहीं कर पा रहा हूं। दरअसल, लोगों को रोकना है तो हमें भी तो कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना ही पड़ेगा। ऐसे में फिटनेस और तनाव मुक्ति के लिए योग और प्राणायाम नियमित रूप से कर रहा हूं। 
 
वर्मा बताते हैं कि खाने का टिफिन घर से आ जाता है। नाश्ते में फल लेता हूं। इसके अलावा गरम पानी में हल्दी डालकर भी पीता हूं। थाने में ही जुगाड़ तकनीक से प्रेशर कुकर के जरिए भाप लेने का इंतजाम किया है। इसमें सभी पुलिसकर्मी अजवाइन, नीम की पत्ती और अदरक डालकर नियमित रूप से भाप ले रहे हैं। इसके अलावा रात को हल्दी वाला दूध भी लेता हूं। 
आल इज वेल : राजेन्द्रनगर थाना प्रभारी अमृता सोलंकी ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि खुद को सकारात्मक रखने के लिए 'आल इज वेल' कहते हुए अपनी ड्‍यूटी को अंजाम दे रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए दो मास्क लगाते हैं, हाथ में ग्लब्स पहनते हैं। हाथ बार-बार धोने की कोशिश करती हूं, ताकि सैनेटाइजर का प्रयोग ज्यादा न करना पड़े। स्टाफ को भी संक्रमण से बचाने के लिए काढ़ा पिला रहे हैं।
 
सोलंकी बताती हैं कि थाने में ही भाप की मशीन रखी हुई है, सबको भाप दिलवाते हैं। जहां तक खाने की बात है तो पहले भी देर से खाते थे अब भी देर से ही खा पाते हैं। ऐसे में समय पर जो मिल जाता है खा लेते हैं। चूंकि घर पर कुछ मेहमान रुके हैं और उनका बच्चा भी छोटा है, अत: घर जाने से बच रही हूं। ऐसे में थाने के पीछे बने क्वार्टर में ही खुद को एडजस्ट कर रही हूं।