MP में Vaccine के दूसरे डोज के बाद महिला क्लर्क की हार्टअटैक से मौत
बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि कोविड-19 बूस्टर डोज प्राप्त महिला क्लर्क की मृत्यु हृदयाघात के चलते हुई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिता सिंगारे ने बताया कि उनके कार्यालय में पदस्थ 58 वर्षीय लिपिक रजनी सेन की मृत्यु हृदयाघात के चलते हुई है। उन्होंने बुधवार सायं टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईईआई) की जिला स्तरीय कमेटी के 4 सदस्यीय दल, जिसमें निजी अस्पताल में महिला का इलाज करने वाले चिकित्सक भी शामिल थे, की बैठक में प्राप्त प्रारंभिक निष्कर्ष के आधार पर कहा कि रजनी सेन की मृत्यु का कारण हृदयाघात ही है।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट, निजी अस्पताल में जांच व उपचार संबंधी दस्तावेज व अन्य आवश्यक बिंदुओं की जांच में यह बात सामने आई है। हालांकि उन्होंने कहा कि महिला के शव का विसरा जांच हेतु भेजा जा रहा है। उन्होंने विभिन्न कोविड-19 संबंधी जानकारियों का उल्लेख करते हुए बताया कि कोविड-19 के टीकाकरण के उपरांत हृदयाघात से मृत्यु नहीं देखी गई है।
उन्होंने कहा कि जिले में करीब 10 हजार स्वास्थ्यकर्मियों तथा फ्रंटलाइन वर्कर को कोविड के टीके लगाए जा चुके हैं और किसी को भी समस्या नहीं हुई। रजनी सेन को भी कोविड-19 के पहले टीके के उपरांत किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई थी।
उन्होंने बताया कि महिला को मंगलवार को कोविशील्ड का बूस्टर टीका लगाया गया था और उसके उपरांत वह स्वस्थ थी। उन्होंने बताया कि रजनी को लगे वायल से अन्य 9 लोगों (2 डॉक्टर भी) को टीका लगाया गया था और वह सभी स्वस्थ हैं। इसके अलावा मंगलवार को जिले में टीका प्राप्त करने वाले अन्य सभी व्यक्ति सकुशल हैं।
रजनी ने कल रात्रि साढ़े 7 बजे तक एक मंदिर में कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। उसे देर रात्रि तकलीफ होने पर बड़वानी के एक निजी चिकित्सालय में साढे 11 बजे भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी रात ढाई बजे मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में महिला की मृत्यु का कारण ब्रेन हेमरेज आया था।
उन्होंने कहा कि भारत शासन की गाइडलाइन के मुताबिक कोमोरबिड व्यक्ति को भी कोविड-19 टीका लगाया जा सकता है। रजनी सेन के परिवार वालों ने उसे किसी प्रकार की बीमारी का उल्लेख भी नहीं किया था।