मध्यप्रदेश में बीते 10 साल में 70% बढ़ी प्रति व्यक्ति आय,आर्थिक विकास दर में भी बड़ी छलांग
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को शिवराज सरकार बजट पेश करने जा रही है। बजट पेश होने से पहले आज आज विधानसभा में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया। आर्थिक सर्वेक्षण में मोदी सरकार के भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यस्था बनाने के लिए प्रदेश द्वारा 550 बिलियन डॉलर का योगदान देने का लक्ष्य तय करने की बात कही गई है। प्रदेश में 2022-23 में प्रदेश का GSDP 7.06 से बढ़ा है।
आर्थिक सर्वेक्षण में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ा इजाफा दिखा गया है जिसमें 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 65,023 रुपए हो गई है, जो कि 2011-12 में 38,497 रुपए की तुलना में 70 फीसदी अधिक है। वहीं प्रति व्यक्ति आय पिछले वर्ष की तुलना में 5.67 फीसदी अधिक है।
आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार की ओर से बताया गया कि डिजिटल जिला कार्यक्रम के तहत इंदौर, बैतूल और विदिशा ने 100 फीसदी वित्तीय समावेशन डिजिटल जिले का दर्जा हासिल कर लिया है। इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण में प्रदेश में श्री अन्न को प्रोत्साहित करने के लिए एमपी राज्य मिलेट मिशन और मुख्यमंत्री कोदो-कुटकी खेती सहायता योजना का भी जिक्र किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में जो तथ्य आए है, वो यह सिद्ध करते है कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। एक तरफ जहां हमने वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्व समावेशी विकास किया है। वही दूसरी तरफ राज्य के बजट का आकार लगातार बढ़ा है। हमारा कर संग्रहण लगातार बढ़ते चला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व है 2022-23 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर में जो वृद्धि हुई वो 16.43% है। आपको याद होगा। पिछली बार 2021-22 में हमारी आर्थिक वृद्धि दर थी 18.02% अब 18.02% से उपर फिर से 16% से ज्यादा प्राप्त करना यह अपने आप में यह सिद्ध करता है कि मध्यप्रदेश आर्थिक दृष्टि से भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में लगाता बढ़ोत्तरी हो रही है,प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का मतलब है लोगों के पास लगातार आय के साधन बढ़ रहे हैं। प्रदेश में पूंजीगत व्यय एक साल में 37 हजार 89 करोड़ रुपए से 23.18% बढ़ कर अब 45 हजार 685 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं प्रदेश में राजस्व संग्रहण की बढ़ती हुई गति को देखेंगे तो हमने लगातार राज्य के करों का संग्रह भी बढ़ाया है और 3 वर्षों में यह 7.94% है। मतलब हम अपने राजस्व स्टेट का कर लगातार बढ़ाते चले जा रहे है।