गोडसे यात्रा पर बोले दिग्विजय, नफरत के सौदागर हैं भाजपा, संघ और हिंदू महासभा के कुछ तत्व
इंदौर। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संपूर्ण जीवन चरित्र से जुड़े तथ्यों को जनता के सामने लाने के मकसद से अखिल भारत हिंदू महासभा की 14 मार्च को प्रस्तावित यात्रा की कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने रविवार को कड़ी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि महासभा, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ तत्व नफरत के सौदागर हैं।
गोडसे यात्रा को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर सिंह ने कहा, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू महासभा के कुछ तत्व भारत वर्ष की सर्वधर्म समभाव की परंपरा, संस्कार और संस्कृति के विरोधी हैं। ये (तत्व) नफरत के सौदागर हैं और नफरत फैलाकर हिंसा करते हैं।
उन्होंने कहा कि इन तत्वों की वही विचारधारा है जिस विचारधारा के चलते नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्तित्व की हत्या की थी, इसलिए वह गोडसे को लेकर हिंदू महासभा की प्रस्तावित यात्रा की निंदा करते हैं।
हिंदू महासभा के नेताओं ने प्रस्तावित कार्यक्रम के हवाले से बताया कि गोडसे के संपूर्ण जीवन चरित्र से जुड़े तथ्यों को जनता के सामने लाने के उद्देश्य से निकाली जाने वाली यह यात्रा 14 मार्च को ग्वालियर से वाहन रैली के रूप में शुरू होकर दिल्ली पहुंचेगी और इसमें महासभा की 17 राज्यों की इकाइयों के प्रमुख शामिल होंगे।
बहरहाल, इन दिनों स्वयं कांग्रेस को ग्वालियर नगर निगम के पार्षद बाबूलाल चौरसिया को पार्टी में वापस लेने पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है जो पिछले चुनावों में हिंदू महासभा से जुड़कर पार्षद बने थे और गोडसे की अर्धप्रतिमा की स्थापना में शामिल रहे थे।
सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस में चौरसिया की वापसी को मीडिया निरर्थक तौर पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, चौरसिया ने हिंदू महासभा में रहने के दौरान गोडसे के पक्ष में जो बयानबाजी की थी, हम उसकी निंदा करते हैं। वैसे इस बयानबाजी को लेकर उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंह की अगुवाई में सूबे में जगह-जगह किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन अब तक इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को शामिल होते नहीं देखा गया है। इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ये किसान महापंचायतें गैर राजनीतिक हैं। इनमें कमलनाथ की ओर से उनके वे प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जो किसान संगठनों से जुड़े हैं।(भाषा)