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Last Modified: बुधवार, 19 जून 2024 (10:15 IST)

जीतू पटवारी के खिलाफ कांग्रेस में बगावत, पीसीसी चीफ से हटाने के लिए सोनिया-खड़गे को पत्र

जीतू पटवारी के खिलाफ कांग्रेस में बगावत, पीसीसी चीफ से हटाने के लिए सोनिया-खड़गे को पत्र - Congress leader wrote a letter to Sonia Gandhi to remove Madhya Pradesh Congress President Jitu Patwari.
भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर की अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गई है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस की कमान संभालने वाले जीतू पटवारी के खिलाफ अब खुलकर बगावत हो गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता जीतू पटवारी को हटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान को पत्र भी लिख दिया है।

जीतू पटवारी के खिलाफ बगावत-लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखा है। पूर्व प्रवक्ता  अमिताभ अग्निहोत्री ने सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को लिखे पत्र में जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ पद से हटाने की मांग करते हुए लिखा कि अगर पटवारी के हाथ में प्रदेश कांग्रेस की कमान रही, तो पार्टी अगली बार (2028 विधानसभा चुनाव) 20 विधानसभा सीटों पर भी नहीं जीत पाएगी।

कांग्रेस नेता ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार का जिक्र करते हुए लिखा कि  मध्य प्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी वोट मिले थे, जबकि लोकसभा चुनाव में वोट शेयर आठ फीसदी घटकर 32 फीसदी रह गया। इतने कम समय में आई इस गिरावट की जांच होनी चाहिए। उन्होंने लिखा की लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर कांग्रेस को चार लाख से अधिक अंतर से हार मिली है। कांग्रेस के विधानसभा में 66 विधायक हैं, जिनमें से 50 की सीट पर कांग्रेस पिछड़ गई। कांग्रेस नेता ने  जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए लिखा मध्य प्रदेश में निष्ठावान, कर्मठ, जनता से जुड़ाव रखने वाले नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस में पुत्रवाद, परिवारवाद, पूंजीवाद और चापलूसवाद को प्रश्रय दिया जाता है।

अजय सिंह ने पटवारी के नेतृत्व पर उठाए सवाल-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठा चुके है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सीनियर विधायक अजय सिंह ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद कहा था कि जीतू पटवारी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन क्यों थामा, इसके साथ ही पार्टी छोड़कर अन्य दलों में जा रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए, इसकी समीक्षा और चर्चा की जानी चाहिए।

कांग्रेस के सीनियर विधायक अजय सिंह ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि आखिर इस हार के पीछे प्रमुख कारण क्या है, इसकी व्यापक स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हार से कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश और निराश हैं, जो कि भविष्य के लिए ठीक नहीं हैं।

तनखा ने की नई लीडरशिप की मांग- अजय सिंह के साथ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने प्रदेश में कांग्रेस की नई लीडरशिप को आगे लाने की बात कही थी। मीडिया से चर्चा में  उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी की करारी हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव को लेकर चर्चा की जा रही है। दोनों ही स्टेट में नई लीडरशिप की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश औऱ छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में पार्टी क्यों हारी इस पर आत्ममंथन की जरूरत है।

जीतू पटवारी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल- 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले जीतू पटवारी के नेतृत्व क्षमता पर लगातार सवाल उठ रहे है। लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह कांग्रेस पार्टी के 6 विधायक, 2 महापौर और 6 पूर्व सांसदों ने पार्टी का साथ छोड़ा उससे उनके नेतृत्व क्षमता पर कई सवाल खड़े हो गए है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 3 विधायकों ने पार्टी छोड़े दी थी और उनके निशाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी थे। बीना विधायक निर्मला सप्रे ने पार्टी छोड़ने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान को जिम्मेदार ठहराया था। इसके साथ  कांग्रेस के 6 बार के विधायक रामनिवास रावत भी पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से कांग्रेस ने नेतृत्व परिवर्तन हुआ और जीतू पटवारी को पार्टी की कमान सौंपी गई उससे कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं मे नाराजगी भी नजर आई थी। वहीं प्रदेश अध्य़क्ष की कमान संभाल जीतू पटवारी  को 6 महीने से अधिक का समय हो चुका है लेकिन वह अब तक अपनी टीम का गठन नहीं  कर पाए है।

अमरवाड़ा उपचुनाव जीतू की अग्निपरीक्षा-नेतृत्व क्षमता को लेकर पार्टी के अंदर उठ रहे सवाल और बड़े नेताओं के बीच सिर फुटौव्वल होने के बाद अब जीतू पटवारी के सामने छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव की अग्निपरीक्षा है। 2023 में अमरवाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते कमलेश शाह के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल होने और विधायकी पद से इस्तीफा देने के बाद अब अमरवाड़ा में उपचुनाव हो रहे है। भाजपा ने कमलेश शाह को अमरवाड़ा से अपना प्रत्याशी बनाया है और मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने छिंदवाड़ा पहुंचकर कमलेश शाह का नामांकन दाखिल कराया है। वहीं कांग्रेस अब तक अमरवाड़ा से अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं कर पाई है। ऐसे में अब अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए एक अग्निपरीक्षा की तरह है।
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