सिंधिया ने खोला कांग्रेस छोड़ने का राज, कहा- सिंधिया परिवार को ललकारने का भुगतना होगा अंजाम
भोपाल। भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार पार्टी मुख्यालय पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया भगवा रंग में रंगे नजर आए। दिल्ली से विशेष विमान से भोपल पहुंचे भाजपा के नए महाराज गले में भगवा गमछा डाले नजर आए। भाजपा दफ्तर में अपने पहले भाषण में सिंधिया ने जहां पहली बार खुलकर कांग्रेस छोड़ने का कारण बताया तो सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती भी दे डाली।
भाजपा कार्यालय में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह और परिवार के मुखिया जेपी नड्डा के आशीर्वाद से इस परिवार में प्रवेश के द्वारा मेरे लिये खोले गए।
उन्होंने कहा कि आज का दिन मेरे लिए भावुक है। जिस संगठन में मैंने 20 साल बिताए, कड़ी मेहनत, लगन, संकल्प और पसीने की एक एक बूंद बहायी। उस पार्टी को छोड़कर आज खुद को आपके हवाले कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि अब मेरा एक ही लक्ष्य होगा आपके दिल में स्थाना पाना। आप पसीना बहायेंगे मैं आपके लिए अपना खून बहाउंगा। सिंधिया ने कहा कि चाहे स्व. अटलजी हों, या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या सिंधिया परिवार की मेरी दादी विजयाराजे सिंधिया, मेरे पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया हों, सभी का लक्ष्य जनसेवा रहा है और सिंधिया परिवार का मुखिया होने के नाते मेरा लक्ष्य भी जनसेवा है। हमारे लिए कुर्सी और पद महत्वपूर्ण नहीं होता। हमारे लिए महत्वपूर्ण सम्मान, पहचान और आपके हृदय में स्थान पाना है।
उन्होंने कहा कि किसी दल के अंदर रहकर आलोचना करना मुश्किल होता है। लेकिन मैं सिंधिया परिवार का खून हूं जो सही है उसे सही बोलता हूं। 1967 में मेरी दादी को ललकारा था, तब संविद सरकार का क्या हुआ सब जानते है। 1990 में मेरे पिताजी के उपर झूठे हवाला कांड के आरोप लगाए और जब मैंने अतिथि विद्वानों, किसानों की बात उठाते हुए सड़क पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा कि उतरना है तो उतरो।
सिंधिया परिवार को जब ललकारा जाता है तो परिणाम अलग होते है। आज मेरा सौभाग्य है, जिस दल को मेरी पूज्य दादी ने अपने पसीने से स्थापित किया। मेरे पिताजी ने जिस दल से राजनैतिक शुरूआत की। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया सब छोड़कर उस दल में आया है।
उन्होंने कहा कि 2018 के चुनाव में हम आमने सामने थे लेकिन आज हम साथ है। दल अलग हो सकते है, राजनैतिक विचार अलग हो सकती है लेकिन पक्ष विपक्ष में बैठकर मनभेद नहीं होना चाहिए। शिवराजसिंह चौहान जैसा जनता के लिए दिन रात मेहनत करने वाला कार्यकर्ता देश और प्रदेश में बिरले ही मिलते है। आप और हम मिलकर एक और एक दो नहीं ग्यारह होंगे। इस प्रदेश के विकास में हम सहभागी बनेंगे।