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Written By Author कमलेश सेन

कैलाश जोशी को नींद की बीमारी की वजह से छोड़ना पड़ा था मुख्‍यमंत्री पद

Kailash Joshi
Madhya Pradesh Assembly Elections 2023: कैलाश जोशी भारतीय जनसंघ के प्रमुख कार्यकर्ता थे। वे 1943 से जनसंघ से जुड़े थे। उन्हें मध्य प्रदेश की राजनीति का संत माना जाता था। जोशी ईमानदार और सरल स्वभाव के थे। 1955 में हाटपिपलिया नगरपलिका के अध्यक्ष चुने गए थे। 1962 में वे पहली बार बागली से विधायक चुने गए थे। 1967 में उन्होंने मध्य भारत के प्रसिद्ध कांग्रेसी नेता मिश्रीलाल गंगवाल को हराया था। एक संयोग यह भी है कि जोशी 1998 में अपने गृह क्षेत्र में कांग्रेस के श्याम होलानी से चुनाव हार गए थे।
 
राजगढ़ लोकसभा से कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह से भी जोशी चुनाव में हार गए थे। बाद में वे भोपाल लोकसभा से चुने गए थे। मई 1981 में बागली में कैलाश जोशी का नागरिक सम्मान हुआ, जिसमें अटल बिहारी वाजपयी और राजमाता सिंधिया मौजूद थे। उनके सम्मान में जनता द्वारा उन्हें कार भेट की थी।
 
1977 में जनता पार्टी को प्रदेश में रिकॉर्ड विजय हासिल हुई। सर्वानुमति से कैलाश जोशी को नेता चुना गया और वे जून 1977 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। जोशी का कार्यकाल ज्यादा नहीं रह पाया। कहा जाता है कि उन्हें नीद की बीमारी थी। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का मध्य प्रदेश का तीन दिवसीय दौरा था।
 
जोशी को उनके साथ रहना था पर बीमार होने के कारण वे नहीं जा पाए। न ही वे देसाई का स्वागत करने जा सके। जनता पार्टी की कार्यसमिति की बैठक जोशी की बीमारी का सवाल उठा तो मोरारजी भाई ने कहा कि मैं स्वयं उनसे मिला हूं और डॉक्टरों ने उन्हें नर्वस ब्रेक डाउन बताया है। आखिर कैलाश जोशी ने जनवरी 1978 में मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।