मध्यप्रदेश चुनाव मेंं वोटर्स को रिझाने के लिए भाजपा और कांग्रेस में घोषणाओं की होड़
Madhya Pradesh Political News:मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) में वोटरों को रिझाने के लिए इस वक्त घोषणाओं का दौर चल रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और कांग्रेस में घोषणा करने की एक होड़ सी लगी हुई है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) लगभग हर दिन कुछ-न-कुछ घोषणा कर रहे है तो विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से भाजपा की काट के लिए उससे बढ़कर घोषणाएं की जा रही है।
आइए समझते है कि चुनावी साल में कैसे भाजपा और कांग्रेस में घोषणाओं की एक दौड़ सी लगी है और चुनाव से पहले का समय घोषणाकाल जैसा नजर आ रहा है।
चुनाव से पहले सरकार की घोषणाओं की बारिश!-विधानसभा चुनाव में वोटरों को रिझाने के लिए सत्ता में काबिज भाजपा सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है। चुनाव से ठीक पहले महिला वोटर्स के बड़े वोट बैंक को साधने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने लाड़ली बहना योजना का एलान किया। योजना के तहत महिलाओं को जून महीने से 1000 रुपए हर महीने दिए जाएंगे।
वहीं चुनाव में युवा वोटरों को साधने के लिए चुनाव से ठीक पहले सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना (MYKKY) लाई है। सीखो और कमाओ योजना के तहत युवाओं को हर महीने 8 हजार से 10 हजार रुपया प्रतिमाह दिया जाएगा। जून से शुरु होने वाली योजना में अगस्त से रोजगार दिया जाएगा और चुनाव तारीखो के एलान से पहले सितंबर में पैसा दिया जाएगा।
वहीं चुनावी साल में शिवराज सरकार ने 12 वीं कक्षा की टॉपर बालक और बालिकाओं को ई स्कूटी देने जा रही है। पहले सरकार केवल लड़कियों को ई-स्कूटी देने का एलान किया था वहीं पिछले दिनों भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने लड़कियों के साथ लड़कों को भी ई –स्कूटी देने की भी घोषणा कर दी।
चुनाव में वोटरों साधने के लिए चुनावी साल में ही शिवराज सरकार गरीबों को मुप्त प्लॉट दे रही है। मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना के तहत गराबों को मुफ्त भूखंडों का वितरण जोर-शोर से किया जा रहा है। वहीं चुनाव से ठीक पहले सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा करवा रही है।
कांग्रेस भी घोषणाओं की दौड़ में शामिल-भाजपा जहां सत्ता बचाने के लिए घोषणाओं का सहारा ले रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिए घोषणाओं के भरोसे है। चुनाव में महिला वोटरों को रिझाने के लिए भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्रत्री लाड़ली बहना योजना का एलान कर महिलाओं को 1 हजार रुपए प्रतिमाह देने का एलान किया तो कांग्रेस ने उससे बढ़कर नारी सम्मान योजना के तहत डेढ़ हजार रुपए देने का एलान कर दिया।
इसके साथ विधानसभा चुनाव में महंगाई को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा कर रही है। इसके साथ कांग्रेस सरकार आने पर 100 यूनिट बिजली माफ करने के साथ 200 यूनिट तक बिजली का बिल हाफ करने का वादा कर रही है।
इसके साथ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस किसान वोट बैंक को साधने के लिए सत्ता में आने पर कर्जमाफी का वादा कर रही है। वहीं सरकार आने पर कांग्रेस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा कर रही है। वहीं चुनाव में युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार देने का वादा करने के साथ सत्ता में आने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने जा रही है। पार्टी अपने वचन पत्र में सत्ता आने पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ दो से ढाई हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने की तैयारी में है।
घोषणाओं का वोटर्स पर असर?-चुनावी साल सियासी दलों की ओर से की जा रही घोषणाओं का वोटर्स पर भी असर देखा जा रहा है। लाड़ली बहना और नारी सम्मान योजना को लेकर महिला वोटर्स में खासी उत्सुकता है। लाड़ली बहना योजना के आवेदन भरने के दौरान जहां वार्ड कार्यालय में भारी भीड़ देखी गई है तो अब कांग्रेस नारी सम्मान योजना के तहत घर-घर जाकर फॉर्म भरवा रही है। वहीं किसान कर्ज माफी भी ग्रामीण इलाकों में बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है। भाजपा जहां कांग्रेस पर किसानों को कर्जमाफी के नाम पर धोखा देने का आरोप लगा रही है और डिफॉल्टर किसानों के ब्याज माफी का एलान कर रही है। वहीं कांग्रेस फिर दावा कर रही है कि सत्ता में आने पर एक बार फिर किसान कर्जमाफी जाएगी।