मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले चर्चा में शिवराज-तोमर की जुगलबंदी, रूठों को मनाने के साथ डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी!
Madhya Pradesh Political News:मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) में भाजपा सत्ता बरकरार रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। चुनाव से पहले भाजपा के दिग्गज नेता इन दिनों मध्यप्रदेश में बेहद सक्रिय है। भाजपा के दिग्गज नेताओं में एक नाम मोदी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) का। चुनाव से पहले भाजपा के सीनियर नेताओं की नाराजगी को दूर करने की जिम्मेदारी संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर इन दिनों प्रदेश में बेहद सक्रिय है।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में अक्सर बड़े मंचों पर एक साथ नजर आ रहे है। सोमवार को राजधानी भोपाल में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर एक मंच पर नजर आए। वहीं पिछले दिनों भाजपा कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे अनेक युवा साथियों को यह पता नहीं होगा कि 2003 से पूर्व मध्यप्रदेश की स्थिति कैसी थी,न सडक, न बिजली और न पानी था। लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि प्रदेश में मौलिक आवश्यकता की हर चीज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कुशल नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मुहैया कराई है।
कार्यसमिति की बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा लागू की गई रोजगार शिक्षा गारंटी योजना का उदाहरण देते हुए बताया कि इस योजना कैसे युवक के पायलट बनने के सपने को साकार किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों की उपलब्धियों पर हम सभी को गर्व है और जब कार्यकर्ता गर्व तथा उत्साह से भरे होंगे तो 2023 और 2024 में हमारी जीत को कोई नहीं रोक सकता।
ग्वालियर-चंबल से आने वाले भाजपा के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर की सक्रियता के बाद एक बार फिर शिवराज-तोमर की जुगलबंदी को लेकर सियासी अटकलों का दौर भी शुरु हो गया है। भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर एक ही गाड़ी से मुख्यमंत्री निवास गए। वहीं पिछले दिनों ग्वालियर और दिल्ली में तोमर और शिवराज के बीच लंबी चर्चा को लेकर कई तरह की कयासबाजी लगाई जा रही है।
दरअसल नरेंद्र सिंह तोमर की प्रदेश भाजपा संगठन में तगड़ी पकड़ मानी जाती है और भाजपा चुनाव में उसका पूरा लाभ लेना चाह रही है। 2008 और 2013 में नरेंद्र सिंह तोमर के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भाजपा ने प्रदेश में प्रचंड जीत हासिल की थी। ऐसे में चुनाव में भाजपा के अंसुतष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने और डैमेज कंट्रोल करनी की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व ने नरेंद्र सिंह तोमर के कंधों पर डाली है। केंद्र में मोदी सरकार में अहम जिम्मेदारी संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेता के तौर पर जाना जाता है।
कार्यसमिति की बैठक से सिंधिया की दूरी!- ग्वालियर-चंबल से आने वाले नरेंद्र सिंह तोमर जहां प्रदेश में जहां बेहद सक्रिय है वहीं ग्वालियर-चंबल से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूरी भी खासी चर्चा के केंद्र में है। चुनाव को लेकर बेहद महत्वपूर्ण मानी गई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गैरहाजिरी को लेकर कई तरह के सवाल उठे। इन सवालों को लेकर जब भाजपा प्रदेश वीडी शर्मा से सवाल किया गया तो वह सवालों को ठाल गए।
चुनाव को लेकर बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाली बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया का शामिल नहीं होने के बाद कई तरह के अटकलें लगाई जा रही है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जिस तरह से दलबदुल नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस से भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ शामिल हुए सिंधिया समर्थक नेताओं की धड़कने बढ़ गई है। मध्यप्रदेश में सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री बैचेन है। इसकी बड़ी वजह चुनाव सर्वे में इन नेताओं की रिपोर्ट निगेटिव आना है।
वहीं सिंधिया को लेकर गर्माई चर्चाओं के बीच कांग्रेस भी सियासी फायदा लेने से नहीं चूक रही है। कांग्रेस ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्वीटर हैंडल के बायो से भाजपा शब्द हटा लिया। हलांकि खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मेरा बायो देखने के बदले यदि कांग्रेस ने जनता की सुनी होती तो आज यह स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा कि उनके बायो में सब कुछ सामान्य है।