Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
मंगलवार, 5 मई 2009 (21:14 IST)
वोट नहीं दे पाएँगे तिहाड़ के कैदी
हर बार के चुनावों की तरह इस बार के लोकसभा चुनाव में भी तिहाड़ जेल में बंद हजारों कैदी सात मई के दिन वोट नहीं डाल पाएँगे। वजह, मानवाधिकार आयोग की उस सलाह पर अभी फैसला होना बाकी है, जिसमें कैदियों को मताधिकार देने की बात कही गई है।
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने कहा कानून के मुताबिक कैदी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन वोट नहीं डाल सकते। इसलिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर या मतपत्रों के जरिये वोट डालने देने की अनुमति देने का सवाल ही नहीं उठता।
तिहाड़ में बंद 12 हजार कैदियों में से कम से कम 65 प्रतिशत का नाम दिल्ली की मतदाता सूची में शामिल है।
केवल वही कैदी मत पत्रों के जरिये चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, जो निरोधक अधिनियम के तहत जेल में बंद होते हैं। इस अधिनियम के तहत तिहाड़ में लगभग 13 कैदी बंद हैं।
हालाँकि तिहाड़ अधिकारियों ने अज्ञात कारणों से इनके लिए डाक मत पत्र मँगाने का आग्रह नहीं किया है। उपमुख्य चुनाव अधिकारी जेके शर्मा ने कहा हमें उनके लिए डाक मत पत्र भेजे जाने का कोई आग्रह नहीं मिला है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरकार को सलाह दी है कि विचाराधीन कैदियों को वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए और उनकी हिरासत की अधिकतम अवधि को घटाकर छह माह कर दिया जाए।