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Last Modified: मंगलवार, 14 मई 2024 (20:37 IST)

PM मोदी के सामने चुनाव लड़ने के लिए देशभर से आ रहे हैं लोग, श्याम रंगीला को नहीं मिला नामांकन

नामांकन कर पाना चाहते हैं प्रसिद्धि

PM मोदी के सामने चुनाव लड़ने के लिए देशभर से आ रहे हैं लोग, श्याम रंगीला को नहीं मिला नामांकन - Shyam Rangeela alleges officials not letting him file nomination for Varanasi Lok Sabha elections against PM Modi
Shyam Rangeela alleges officials not letting him file nomination for Varanasi Lok Sabha elections against PM Modi : वाराणसी सीट वीवीआईपी सीट के रूप मे देश में देखी जाती है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस से लगातार तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी हैट्रिक लगाने की पूरी तैयारी में हैं। पीएम मोदी की मिमिक्री करने वाले श्याम रंगीला वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन नहीं कर पाए। मंगलवार को श्याम रंगीला ने प्रशासन पर नामांकन करने से रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत भी की है। वाराणसी में अंतिम और सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा।
वाराणसी के बाहर देश के विभिन्न राज्यों से भाजपा प्रत्याशी मोदी के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाराणसी आ रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने से प्रसिद्धि हासिल होगी। हालांकि अभी तक 15 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। इसमें से एक नाम तेलंगाना निवासी कोलीसेट्टी शिव कुमार का है, वहीं महाराष्ट्र के वर्धा के निवासी शामराव श्याम भी मोदी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। ये दोनों ही प्रत्याशी धनी हैं।

इस लोकसभा चुनाव में दतिया जिले के राज कुमार वैध जो की चूर्ण बेचते हैं, वे भी मोदी के विरुद्ध चुनाव मैदान में हैं। इंडिया गठबंधन से कांग्रेस पार्टी से अजय राय जो कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। बसपा से अतहर जमाल लारी प्रमुख रूप से चुनाव मैदान में हैं।

श्याम रंगीला को नहीं मिला नामांकन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला को अब तक नामांकन फॉर्म भी नहीं मिल सका है। उन्होंने इस मामले में निर्वाचन आयोग की मदद मांगी है। वाराणसी पहुंचे श्याम रंगीला को अब 10 प्रस्तावक तक नहीं मिल रहे हैं। प्रस्तावकों की कमी की वजह से श्‍याम को फॉर्म भी नहीं मिल सका है।
   
एक्स पर पर दी जानकारी : श्याम रंगीला ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट कहा कि वाराणसी में नामांकन फॉर्म प्राप्त करने की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गई है कि फॉर्म लेना बहुत ज़्यादा मुश्किल हो गया है। घंटों लाइन में लगने के बाद चुनाव कार्यालय से कहा गया कि आप 10 प्रस्तावकों के आधार कार्ड की कॉपी (हस्ताक्षर समेत) और उनके फोन नंबर पहले दीजिए तभी फॉर्म के लिए ट्रेजरी चालान फार्म मिलेगा।
 
उन्होंने दावा किया कि ऐसा कोई प्रावधान चुनाव आयोग के नियमों में नहीं है। मैं माननीय चुनाव आयोग से प्रार्थना करता हूं कि वो वाराणसी जिला प्रशासन को उचित दिशा-निर्देश देकर, इस देश के लोकतंत्र में हमारे विश्वास को मजबूती दें।
 
एक्स पर एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि देशवासियों को जानकारी के लिए बता दें कि हमारे पास दस प्रस्तावक है लेकिन उनकी जानकारी नामांकन फॉर्म मिलने के बाद, उसे भरकर जमा करवाते समय ही चुनाव आयोग को दी जाती है, लेकिन यहां ये जानकारी हमसे फॉर्म देने से पहले ही मांग रहे है, क्यों? नियमों के विपरीत हमारे प्रस्तावकों की जानकारी फॉर्म से पहले ही प्राप्त करके इनका आगे का इरादा क्या है? हम क्यों चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत चलें?
 
बनी भाजपा का गढ़ : वाराणसी लोकसभा सीट जो कि 75% से अधिक हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र है और जहां मुस्लिम केवल 20 प्रतिशत की ही आबादी में है और जहां 1991 के बाद केवल एक बार ही यह सीट कांग्रेस के खाते मे गई जबकि 2009 के बाद से इस सीट पर लगातार भाजपा का ही परचम लहराता रहा है। इसे अब भाजपा के गढ़ के भी रूप मे जाना जाता है।

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या    
 
कुल मतदाता : 19 लाख 62 हजार 948 है जिसमे में पुरुष मतदाता.. 10 लाख 65 हजार 485 है व महिला मतदाता की संख्या....8 लाख 97 हजार 328 है, साथ थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 135 है वहीं 52 हजार 174 मतदाता पहली बार अपने मतधिकार का प्रयोग करेंगे जिनकी भमिका अहम होगी।
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