कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक हो सकती है राहुल गांधी की 72 हजार रुपए सालाना वाली 'न्याय' योजना
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह किसानों की कर्ज माफी का दांव चला था, उसी तर्ज पर राहुल ने हर गरीब के खाते में 72 हजार रुपए सालाना डालने की घोषणा की है। यदि कांग्रेस का यह 'तीर' निशाने पर लग लग गया तो न्यूनतम आय की गारंटी आने वाले लोकसभा चुनाव में उसके लिए 'वोटों की गारंटी' बन जाएगी। कांग्रेस के ही मुताबिक इस योजना से हर साल 5 करोड़ परिवारों को फायदा होगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी का यह दांव वोटों के लिहाज से मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। चूंकि यह योजना गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी देगी, अत: इसका फायदा गरीब लोगों को मिलेगा। यदि राहुल गांधी मतदाताओं को यह बात समझाने में सफल रहे तो आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें निश्चित ही फायदा होगा। हालांकि भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस का इतिहास गरीबी के नाम पर राजनीतिक व्यवसाय और छल का रहा है।
गृहिणियों के खाते में जमा होगी रकम : इस योजना की सबसे खास बात यह होगी इसकी राशि महिलाओं यानी गृहिणियों के खाते में जमा होगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि यह टॉपअप स्कीम नहीं है, 5 करोड़ परिवार और 25 करोड़ लोगों को 72 हजार रुपए सालाना मिलेगा। यह महिलाओं पर केंद्रित योजना है। कांग्रेस महिलाओं के खातों में पैसे जमा कराएगी। योजना गरीबी दूर करने के लिए अहम होगी। हम गरीबों के साथ न्याय करना चाहते हैं।
भाजपा नेताओं द्वारा विरोध किए जाने के मुद्दे पर सुरजेवाला ने कहा कि मैं मोदीजी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप न्याय के विरोधी हैं? आपके नेता इस योजना का विरोध कर रहे हैं। मोदीजी पाखंड के पर्याय बन गए हैं। आप कुछ अमीरों को पैसे दे सकते हैं, लेकिन गरीबों को नहीं।
गरीब विरोधी हैं मोदी : सुरजेवाला ने कहा कि मोदी ने अपने पूंजीपति मित्रों का 3.17 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है, लेकिन गांधी यदि गरीबों को छह हजार रुपए प्रति माह देने की योजना की बात करते हैं तो उसका विरोध किया जाता है। उन्होंने कहा कि गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए देने की इस योजना का विरोध कर भाजपा ने अपनी गरीब विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है।