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Last Updated : मंगलवार, 11 जनवरी 2022 (20:06 IST)

लोहड़ी पर्व कैसे मनाएं, जानिए पंजाब की 5 पवित्र परंपराएं

लोहड़ी पर्व कैसे मनाएं, जानिए पंजाब की 5 पवित्र परंपराएं - Know how to celebrate Lohri festival 5 sacred traditions of Punjab
Lohri 2022 : लोहड़ी उत्सव को मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व रात में मनाया जाता है। सिंध, पंजाब, हरियाणा आदि जगहों पर यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आओ जानते हैं इस पर्व की 5 खास परंपरा।
 
 
ऐसे मनाते हैं लोहड़ी उत्सव : 
- गांवों में पौष मास के पूर्व से ही लड़के-लड़कियां लोहड़ी के लोकगीत गाकर लकड़ी और उपले एकत्रित करते हैं। इसी से मुहल्ले के किसी खुले स्थान पर आग जलाई जाती है। लोहड़ी से कुछ दिन पहले से ही छोटे बच्चे लोहड़ी के गीत गाकर लोहड़ी हेतु लकड़ियां, मेवे, रेवडियां, मूंगफली इकट्ठा करने लग जाते हैं।
 
- सभी लोग अपने अपने काम से निपटकर अग्नि की परिक्रमा करते हैं और अग्नि को रेवड़ी अर्पित करते हैं। बाद में प्रसाद के रूप में सभी उपस्थित लोगों को रेवड़ी बांटी जाती हैं। घर लौटते समय लोहड़ी में से 2-4 दहकते कोयले, प्रसाद के रूप में, घर पर लाने की प्रथा भी है।
 
- नव विवाहित लड़के या जिन्हें पुत्र होता है उनके घर से पैसे लेकर अपने क्षेत्र में रेवड़ी बांटते हैं ये काम बच्चे करते हैं। लोहड़ी के दिन या उससे कुछ दिन पूर्व बालक बालिकाएं मोहमाया या महामाई का चंदा मांगते हैं, इनसे लकड़ी एवं रेवड़ी खरीदकर सामूहिक लोहड़ी में उपयोग में लाते हैं।
 
- कहते हैं कि कुछ लड़के दूसरे मुहल्लों में जाकर 'लोहड़ी' से जलती हुई लकड़ी उठाकर अपने मुहल्ले की लोहड़ी में डाल देते हैं। इसे 'लोहड़ी व्याहना' कहलाता है। कई बार इस कार्य में छीना झपटी और झगड़े भी होते हैं।
लोहड़ी की 5 पवित्र परंपरा :
 
1. लोकनृत्य और लोकगीत : लोहड़ी की संध्या को लोग लकड़ी जलाकर अग्नि के चारों ओर चक्कर काटते हुए नाचते-गाते हैं। इस दिन लोकनृत्य और गीत गाया जाता है। मकर संक्रांति से पूर्व शाम के समय लोग लकड़ियां जलाकर आग सेंकते हुए लोकगीतों का आनंद लेते हैं। ढोल की थाप पर थिरकते लोग गिद्दा और भांगड़ा करते हुए लोहड़ी पर्व मनाते हैं। 
 
2. अग्नि में आहुति : इस दिन लोहड़ी की आग में तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, खील, मक्की के दानों की आहुति देने की परंपरा है। इस दौरान रेवड़ी, खील, गज्जक, मक्का खाने का आनंद भी लेते हैं।
 
3. पकवान : लोहड़ी के दिन विशेष पकवान बनते हैं जिसमें गजक, रेवड़ी, मुंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्का की रोटी और सरसों का साग प्रमुख होते हैं। 
 
4. सजाया जाता है गुरुद्वारा : लोहड़ी के दिन गुरुद्वारों में भी इस पर्व पर श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहती है। गुरुद्वारों में विशेष शबद कीर्तन भी हो‍ता है।
 
5. दान पुण्य स्नान : गुरुद्वारा बंगला साहिब एवं अन्य गुरुद्वारों के सरोवरों में लोग डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं। इस उत्सव के दिन का अनोखा ही नजारा रहता है जिसमें श्रद्धालुजन यमुना स्नान, गुरुद्वारों के पवित्र सरोवरों में स्नान एवं दान-पुण्य में मशगूल रहते हैं।