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Written By ND

आरडीएक्स डॉट साइकल पंक्चर

मनोज पांचाल

Literature | आरडीएक्स डॉट साइकल पंक्चर
ND
खतरनाक हथियारों का सिंहावलोकन करने के बाद आतंकवादियों के एरिया कमांडर ने बुद्ध की भग्न मूर्ति के नुकीले हिस्से पर कुहनी टिका दी। उसके चेहरे पर चिंता की रेखाएँ उभरकर गड्ड-मड्ड हो रही थीं। खादिम अपने बॉस की इस बेचैनी को समझ नहीं पा रहा था। वह पीकदान लेकर आगे आता तो बॉस पीक का दान ही नहीं करता।

फिर निराश होकर पीछे मुड़ता तो बॉस दन्न से पिचीक कर देता। खादिम के कुरते पर इसका असर होता। जब दो-तीन बार पीकदान की यह टाइमिंग गड़बड़ाई तो खादिम ने पूछ ही लिया- 'बॉस, कोई खास बात है? टाइम बम फोड़ने में तो आप मास्टरमाइंड माने जाते हैं। आरडीएक्स जेब में लेकर घूमते हैं। निशानेबाजी में पक्के टिचोरी हैं। फिर यह पीक क्यों चूक रहे हैं? आखिर आपको किस चीज ने परेशानी में डाल दिया है?"

बॉस ने कोई माकूल जवाब देने के बजाय खादिम से ही सवाल पूछ लिया, 'तू इस मैसेज को डिकोड कर सकता है- आरडीएक्स.एसपी?' खादिम के होंठों पर हँसी तैर गई! 'आरडीएक्स को डिकोड करने में कैसी परेशानी? यह तो इतना ही आसान है जितना कि यहाँ-वहाँ कहीं भी थूक देना।'

'नहीं इतना आसान नहीं है यह। बी सिंसीयर, मैं अपनी पूरी तहकीकात कर चुका हूँ। इस बार मैसेज कुछ नया है। डिकोडिंग में काफी मुश्किलें आ रही हैं।' खादिम चुपचाप अपना कुरता धोने चला गया। इधर बॉस के वायरलैस पर फिर मैसेज टोन गूँजी, 'फॉलो... फॉलो...! यू आर टेकिंग टू मच टाइम टू फॉलो। डिकोड द मैसेज राइट नाऊ एंड प्रोसीड! अब और मियाद नहीं बख्शी जाएगी।'

बॉस ने सभी कूट भाषाओं का अध्ययन किया था। उसके लिए अब तक किसी भी मैसेज को डिकोड करना कठिन साबित नहीं हुआ था। यह पहला मैसेज था, जो उसे छका रहा था। खादिम कुरता धोकर लौटा तो उसके जेहन में डिकोडिंग कौंध चुकी थी। उसने बॉस के सामने परोसी, 'कहीं इसका मतलब किसी नए तरह के आरडीएक्स को ईजाद करने से तो नहीं है? आरडीएक्स डॉट.एसपी यानी आरडीएक्स स्पेशल!' बॉस ने कहा- 'शट अप!'

उधर बॉस ने वायरलैस से फीडबैक दिया- 'हार्ड टू फॉलो, प्लीज हैल्प!'

जवाब मिला- 'आरडी फॉर रामदीन, एस फॉर साइकल-' बॉस की ट्यूबलाइट फड़क उठी- 'आरडीएक्स यानी रामदीन का सफाया और डॉट एसपी यानी थ्रू साइकल पंक्चर!' बॉस ने डिकोडिंग कन्फर्म की। जवाब मिला- 'मुकम्मल!' बॉस की पीक सीधे पीकदान में गिरी। खादिम को राहत मिली। मैसेज की यह डिकोडिंग जब दूसरे कमांडरों के कानों पर पड़ी तो उनके कान के बाल भी लहराने लगे। सबको लगा कि किसी एक रामदीन की साइकल पंक्चर कर देने में हम कौन-सी बहादुरी दिखा रहे होंगे! यहाँ तो हर रोज कई रामदीनों की साइकलें हर मिनट पंक्चर होती रहती हैं। भला यह भी कोई आतंकवाद के लेवल का काम है? मगर ऐसी चिंताएँ इस एक पंक्ति पर समाप्त हो जाती : 'काम करो, अपना दिमाग न लगाओ!'

रामदीन की खोज तुरंत प्रारंभ हुई। खोज इस बात की भी शुरू हुई कि ऐसे नॉन सीरियस मैसेज का आधार क्या है! रामदीन की खोज के दौरान उद्घाटित हुआ कि मैसेज आतंकवाद की मनोवैज्ञानिक हार से उपजा था। आतंकवाद इस बात से निराश है कि उसके बड़े-बड़े धमाकों और हमलों के बाद भी रामदीन अगली सुबह अपनी साइकल में निजी पंप से हवा भरकर काम पर निकल पड़ता है। आखिर वह डरता क्यों नहीं? घुटने टेकने के बजाय घुटनों के दम पर पैडल कैसे मार लेता है? इसलिए फिलहाल बड़े अभियानों को रोककर ऊपर वालों ने पहले रामदीन को निपटाने का प्रोग्राम बनाया है। वह भी उसकी साइकल पंक्चर करने के जरिए। जब साइकल परमानेंटली पंक्चर होगी, तभी घुटने टिकेंगे उसके।

इधर बॉस सूँघते-सूँघते उस गली के नुक्कड़ तक पहुँच गया जिस गली में रामदीन का घर था। बाहर अहाते में साइकल सुस्ता रही थी। आतंकवाद के जख्म, महँगाई की मार, सामाजिक उपेक्षा का भार, गरीबी के दंश आदि सभी साइकल के कैरियर पर एक पुट्टल में बाँधकर वह भीतर आराम से सो रहा था। जब सोकर उठा तो बॉस सामने खड़ा था। रामदीन से आँखें मिलते ही बॉस ने सोचा, इस मच्छर को अभी मसल डालें और इसकी साइकल इसी के चूल्हे में झोंक दे। लेकिन अगले ही पल उसे सतर्क होना पड़ा।

मामला फिजीकली उड़ाने का नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकली निपटाने का था। बॉस ने रामदीन के कंधे पर हाथ रखा और आँखों में आँखें डालकर दाँत पीसते हुए बताया कि रामदीन के सामने खड़ी बला है कौन! बॉस की आँखें फटी रह गईं जब उसने देखा कि रामदीन उससे डरने के बजाय तौलिया उठाकर सामने हैंडपंप पर नहाने चल दिया। नहाकर पूजा करने बैठ गया। पूजा के बाद भगवान को धन्यवाद देने लगा- 'हे प्रभु, आखिरकार आपने मेरी सुन ली। मैं कितने दिनों से प्रार्थना कर रहा था कि मेरी साइकल के कैरियर पर भी कोई आतंकवादी बम बाँध जाए। एक तो बार-बार के पंक्चर के तनाव में जीना मुश्किल हो रहा है, ऊपर से मरने की फुर्सत भी नहीं मिलती। मैं वादा करता हूँ कि बम से लैस साइकल पर मैं अकेला सवार होऊँगा और फूटने से पहले उसे किसी निर्जन स्थान पर लेकर चला जाऊँगा। मेरी पूजा का पुण्य आतंकवादी को दे देना ताकि उसके बच्चों की साइकल पंक्चर न हो।'

बॉस की जेब में रखा आरडीएक्स पिघलने लगा। साइकल पंक्चर करने का इरादा दूसरे इरादों के साथ गड्डमड्ड होने लगा। इससे पहले कि आरडीएक्स फट जाए, उसने वहाँ से भाग निकलना ही ठीक समझा क्योंकि मामला फिजीकली उड़ने और उड़ाने का नहीं था।