अष्ट पादाय् नमो नमः
मृदुल कश्यप
अपनी छोटी-सी लीला, अर्थात फुटबॉल वर्ल्ड कप (फीफा) के दौरान की गई भविष्यवाणियों द्वारा अल्प समय में अत्यधिक लोकप्रिय होने वाले अष्टपादायजी को हमारा कोटिः कोटिः नमन। सदैव मौन धारण करने वाले, अपनी बातों को इशारों में समझाने वाले, आठ भुजाओं के स्वामी श्री श्री पॉल महाराजजी हम तुच्छ प्राणियों का प्रणाम स्वीकार करो। मोहमाया से परे, निष्कपट, समदर्शी, सदैव सत्य का आचरण करने वाले पानी वाले बाबाजी को हम हृदय से प्रणाम करते हैं। संसार के सारे टीवी चैनल, अखबार (इन्क्लूडिंग इंडिया) मिलकर भी जिनके चमत्कारों का वर्णन करने में स्वयं को असमर्थ पाते हैं, ऐसे समर्थ, मीडिया सम्राट, ब्रेकिंग न्यूज के बेताज बादशाह पॉल बाबा हम सबका कल्याण करो। परंतु, हे ब्राजील, अर्जेन्टीना जैसे फुटबॉल सुरमाओं को क्षणभर में ही धूल चटाने वाले कृपालु, हम यह क्या अशुभ सुन रहे हैं कि आप संन्यास लेने वाले हो। इस लौकिक संसार से दूर सदैव जल में विचरण करने वाले ऑक्टोपसजी जब आडवाणीजी जैसे वरिष्ठ नेता संन्यास को ठेंगा बता रहे हैं, तब आप जैसे गुप्त शक्तियों से संपन्न प्राणी को इसकी भला क्या जरूरत है? और फिर अभी आपकी उम्र ही क्या है? हे जर्मनी नामक राष्ट्र के एक्वेरियम नामक आश्रम पर सुशोभित ऑक्टोपसजी, हम भक्त आपको यूँ संन्यास नहीं लेने देंगे। अभी तो कितने ही भरतवंशी आपकी तरफ उम्मीद की दृष्टि लिए हुए हैं। आपके संन्यास की अपुष्ट खबरों से वे सब आहत हैं। इतने जोर का झटका तो उन्हें पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से भी नहीं लगा। हे त्रिकालदर्शी, जैसा कि आप जानते ही हैं कि भारत में अनेक क्षेत्रों में प्रायः दुविधा की स्थिति बनी रहती है। उदाहरणार्थ आने वाली संतान के प्रति पालक भ्रमित रहते हैं कि लड़का होगा कि लड़की। एक बार पक्का पता लग जाए कि लड़की ही होगी तो सोचिए गर्भपात में कितनी आसानी हो जाएगी। आजकल ट्रेन यात्रा करने में दुघर्टना का खतरा बना रहता है। अगर मालूम पड़ जाए कि नक्सली हमला होगा या दुर्घटना तो यात्री वैसी तैयारी से निकलें। इसी प्रकार यह ज्ञात हो जाए कि फलाँ शेयर उठने या लुढ़कने वाला है तो निवेश में कितनी सरलता हो जाए। चुनाव संबंधी भविष्यवाणियों में आपको कुछ तकलीफ अवश्य आ सकती है, कारण यह है कि आप दो में से किसी एक का चुनाव करते हैं, परंतु हमारे यहाँ इतने दल हैं कि आपके आश्रम में उनके नाम के बॉक्स रखने के बाद तिलभर भी जगह नहीं बचेगी। खैर उसका कोई विकल्प निकालने की कोशिश करेंगे। हे दयालु! हमारे देश की क्रिकेट टीम की परफारमेंस को भी लेकर दुविधा की स्थिति बनी रहती है। कभी तो सूमो टीम को धूल चटा देती है तो कभी टिग्गू टीम से मात खा बैठती है। आप तो जानते ही हैं कि क्रिकेट टीम फार्म में नहीं है। इस कारण समझ नहीं आता कि सट्टा कैसे लगाएँ। हे दुखहर्ता, आप तो इन दिनों फुल फार्म में चल रहे हैं। इसलिए आप ही बतला दें कि हमें क्या करना चाहिए?हे मौनी बाबा, हमारे देश में समस्याओं का भंडारा भरा हुआ है। इस देश की परंपरानुसार आप पूरे देश में अपने आश्रम की ब्रांच डाल दें। अपने कई चेले-चपाटी तैयार कर दें। बेहतर तो यही होगा कि आप अपने वंश में से भानजे-भतीजों को शक्ति प्रदान कर दें। इस प्रकार सारे देश में आपका नेटवर्क तैयार हो जाएगा और भक्तगण ज्यादा लाभ उठा सकेंगे। आशा है बाबा, आप हमें निराश नहीं करेंगे।