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Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (19:55 IST)

पाकिस्तान की सीमा पर सड़ रहे हैं हजारों टन अफगानी अनार, हजारों लोगों का रोजगार छिना

पाकिस्तान की सीमा पर सड़ रहे हैं हजारों टन अफगानी अनार, हजारों लोगों का रोजगार छिना - Thousands of tons of Afghan pomegranate are rotting on the border of Pakistan
अफगानिस्तान के लाल, रसीले अनारों का मौसम शुरू हो गया है लेकिन इस साल हजारों टन अनार पाकिस्तान की सीमा पर सड़ रहे हैं। सीमा पर अनारों के ट्रकों को रोक दिया गया है, जिस वजह से हजारों लोगों का रोजगार भी छिन गया है।
 
सुर्ख लाल रंग के बीज और चमड़े जैसे लाल रंग के छिलके वाले अफगानी अनार को पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के लिए उसके फायदों की वजह से जाना जाता है। यह दक्षिणी अफगानिस्तान की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से है। देश पर तालिबान के कब्जे के दो महीने पूरे होने को हैं जिसकी वजह से चल रहे कई संकटों के बीच ये अनार भी अब पक रहे हैं।
 
कंधार में फ्रेश फ्रूट्स यूनियन के मुखिया हाजी नानी आगा कहते हैं, इस इलाके में ऐसे 15,000 कृषि मजदूर हैं जिनकी व्यापार के बंद होने की वजह से नौकरी चली गई है, और अब फल भी सड़ रहे हैं। अनार की झाड़ियों की छांव में खरबूजों के आकार के इन अनारों से भरे बोरो और पेटियों को ट्रकों पर लादा जा रहा है।
 
सख्त प्रतिबंध
 
ये ट्रक जल्द ही स्पिन बोल्दाक में अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा की तरफ रवाना हो जाएंगे। लेकिन इनसे पहले गए कई ट्रकों की यात्रा वहां जा कर खत्म हो गई। पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी देश से व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आयातित फलों पर बिक्री कर हटा दिया है, लेकिन सीमा पार करने की कोशिश कर रहे आम अफगानियों के लिए प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया है।
 
पाकिस्तान अवैध रूप से लोगों के सीमा पार करने को रोकना चाह रहा है। इससे पाकिस्तानी अधिकारियों और अफगानिस्तान के नए शासकों के बीच एक तरह की रस्साकशी शुरू हो गई है। विरोध में तालिबान ने कई बार सीमा को बंद कर दिया है। अपना उत्पाद बेचने की उम्मीद कर रहे निर्यातक कई बार यहां तपती गर्मी में दिनों, हफ्तों तक फंसे रह गए। आगा बताते हैं कि यह पूरे अफगानिस्तान के लिए एक आपदा है, क्योंकि पूरे अफगानिस्तान का व्यापार इसी सीमा के रास्ते होता है। सामान्य रूप से 40,000 से 50,000 टन उत्पाद इसी सीमा से होते हुए पाकिस्तान निर्यात किए जाते हैं।
 
अफीम की खेती का विकल्प
 
लेकिन कंधार के चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य अब्दुल बाकी बीना ने बताया कि अभी तक सिर्फ 4,490 टन सामान देश से बाहर गया है। वो कहते हैं, ये सामान बिकने का इंतजार कर रहा है लेकिन इसमें जितनी देर होगी उतना इनकी गुणवत्ता खराब होगी और उतना ही इनका मूल्य नीचे गिरेगा।
 
अफगानिस्तान का कृषि क्षेत्र दो महीने पहले हुए सत्ता के नाटकीय परिवर्तन के पहले से सूखे और कई प्रांतों में चल रही लड़ाई की वजह से नुकसान झेल रहा था। सालों तक पश्चिमी समर्थन प्राप्त पिछली अफगान सरकारों और अंतरराष्ट्रीय अनुदान देने वालों ने किसानों को मनाकर अवैध अफीम की खेती की जगह फल उगाने के लिए तैयार किया था। अनार उन्हीं फलों में से थे।
 
सीके/एए (एएफपी)
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