गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. naxal attack in gadchiroli maharashtra
Written By
Last Modified: गुरुवार, 2 मई 2019 (11:07 IST)

कौन होते हैं सी-60 कमांडो जिन्हें नक्सलियों ने निशाना बनाया

कौन होते हैं सी-60 कमांडो जिन्हें नक्सलियों ने निशाना बनाया - naxal attack in gadchiroli maharashtra
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए नक्सली हमले में 16 जवानों के मारे जाने की खबर है। मारे गए सभी जवान महाराष्ट्र पुलिस के सी-60 कमांडो थे।
 
 
ये कमांडो उस इलाके की तलाशी अभियान पर निकले थे जहां माओवादियों ने सुबह ही दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। गढ़चिरौली महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले में गिना जाता है। महाराष्ट्र में नक्सल खतरों को ध्यान में रखते हुए 1992 में सी-60 कमांडो की फोर्स तैयार की गई थी। इसमें राज्य पुलिस बल के साठ जवान शामिल होते हैं। इसमें स्थानीय जनजाति के लोगों को शामिल किया जाता है जो गुरिल्ला युद्ध में सिद्धहस्त होते हैं। इन जवानों की ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है।
 
सी-60 फोर्स को महाराष्ट्र की उत्कृष्ट फोर्स माना जाता है। ये कमांडो रोजाना सुबह खुफिया जानकारी के आधार पर आसपास के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देती है। सी-60 के जवान अपने साथ करीब 15 किलो का भार लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना-पानी, फर्स्ट-एड और बाकी सामान शामिल होता है।
 
महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल ने इस हमले के बारे में पत्रकारों को बताया, "नक्सलियों के हमले में 16 जवान मारे गए हैं एक ड्राइवर की भी मौत हो गई। इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी है और हमारे पास क्षमता भी है। प्रभावित इलाके में ऑपरेशन किया जा रहा है। नक्सलियों ने बेहद कायराना हमला किया।" डीजीपी ने कहा कि इस घटना को खुफिया तंत्र की विफलता नहीं कहा जा सकता है, "लेकिन हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी ताकि आगे से ऐसे हमले न हो सकें।"
 
एक स्थानीय पत्रकार के मुताबिक, "गढ़चिरौली जिले की कुरखेड़ा तहसील के दादापुरा गांव में नक्सलियों ने करीब तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी थी। उसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम के कमांडो घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। ये कमांडो नक्सलियों का पीछा करते हुए जंबुखेड़ा गांव की एक पुलिया पर पहुंचे, जहां नक्सलियों ने विस्फोट के जरिए जवानों पर हमला कर दिया।''
 
बताया जा रहा है कि गढ़चिरौली में यह धमाका घने जंगलों के बीच हुआ है। धमाके के बाद पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग भी हुई है। पूरे इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में ही नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी थी। आज सुबह जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के थे जो दादापुर गांव के पास एनएच 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर में सड़क बनाने के काम में लगे थे। घटनास्थल से भागने से पहले नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए पोस्टर और बैनर भी लगाए।
 
स्थानीय लोगों के मुताबिक, नक्सली पिछले साल 22 अप्रैल को सुरक्षाबलों के हमले में मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। करीब तीन हफ्ते पहले 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले गढ़चिरौली के ही एक मतदान केंद्र के पास नक्सलियों ने बम धमाका किया था। हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था।
 
पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र में नक्सलियों का यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। पुलिस के मुताबिक सर्च ऑपरेशन जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की निंदा की है।
 
रिपोर्ट समीरात्मज मिश्र
 
ये भी पढ़ें
चीन के कामकाजी नौजवानों को बीमार कर रहा है 996 फॉर्मूला