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Last Modified: शुक्रवार, 2 सितम्बर 2022 (17:07 IST)

लिज ट्रस बन सकती हैं ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री

लिज ट्रस बन सकती हैं ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री - Liz Truss may become the next Prime Minister of Britain
एक थकाने वाले देशव्यापी दौरे, करीब एक दर्जन कैंपेन कार्यक्रम और टीवी पर दिखाई गई तीन बहसों के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए मतदान शुक्रवार को बंद हो जाएगा। ताजा रुझान विदेश सचिव लिज ट्रस की जीत की तरफ इशारा कर रहे हैं।
 
ट्रस और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बीच चली दावेदारी की लंबी रेस के नतीजों की घोषणा सोमवार 5 सितंबर को की जाएगी।  उसके अगले दिन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आधिकारिक रूप से रानी एलिजाबेथ द्वितीय को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
 
मतदान पार्टी के अनुमानित 2,00,000 सदस्यों द्वारा डाक के जरिए और इंटरनेट पर कराया गया था। इसकी शुरुआत जॉनसन द्वारा उनके इस्तीफे की घोषणा के एक महीने बाद अगस्त के शुरू में हुई थी।
 
इस मतदान में पाया गया कि सुनक के मुकाबले ट्रस के पास जबरदस्त समर्थन है, लेकिन जो भी जीतेगा उसका राजनीतिक हनीमून बड़ा छोटा रहेगा। ब्रिटेन इस समय ऐसे निर्वाह खर्च संकट से गुजर रहा है जैसा कई पीढ़ियों से नहीं देखा गया।
 
यूक्रेन में रूस के युद्ध की वजह से ऊर्जा के दाम बहुत ऊपर जा चुके हैं और महंगाई दर दो अंकों में पहुंच गई है। बिजली के बिल अक्टूबर से 80 प्रतिशत बढ़ जाएंगे और जनवरी से और ज्यादा बढ़ जाएंगे।
 
सर्वेक्षण दिखा रहे हैं कि लाखों लोगों का कहना है कि इन हालात में उन्हें खाने और ठंड से बचने के इंतजाम के बीच किसी एक को चुनना पड़ेगा। ट्रस ने टैक्स दरें गिराने का वादा किया है लेकिन उससे सबसे गरीब लोगों का कुछ भी भला नहीं होगा।
 
कई हफ्तों से वो सीधे वित्तीय मदद देने की संभावना से इनकार कर रही हैं और बुधवार को कैंपेन के आखिरी कार्यक्रम में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का कोई नया टैक्स ना लाने का वो वादा दोहराया जो बुश ने सत्ता में आने के बाद जल्द ही तोड़ दिया था।
 
पार्टी हो रही पीछे : लेकिन 'द सन' अखबार में छपे एक लेख में ट्रस ने वचन दिया कि इन सर्दियों में 'लोगों को ऐसे बिल ना भरने पड़ें जो वो वह करने योग्य ना हों, यह सुनिश्चित करने के लिए वो तुरंत मदद करेंगी।' उन्होंने लिखा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि इन मुश्किल हालात में हमें उग्र सुधारवादी होने की जरूरत है।    
 
उनकी पार्टी के सांसदों ने जॉनसन का साथ छोड़ने के बाद सुनक का साथ दिया था क्योंकि उन्हें लगा की वो पार्टी को जनवरी 2025 में होने वाले अगले चुनावों में जीत दिलवाने में ज्यादा सक्षम होंगे, लेकिन पार्टी के सदस्यों ने बड़ी संख्या ट्रस का साथ दिया है, जहां जॉनसन ब्रेक्सिट के हीरो थे वहीं ट्रस ने ब्रेक्सिट का विरोध किया था।
 
हालांकि, जो भी पार्टी के नेता का पद जीते, देश के मतदाताओं के हालिया सर्वेक्षण दिखा रहे हैं कि पार्टी अपनी 12 साल लंबी सत्ता पर पकड़ को बनाए रखने में चुनौती का सामना कर रही है। ओपिनियन पोलों में मुख्य विपक्षी पार्टी, लेबर पार्टी, के पास कंजर्वेटिव पार्टी के मुकाबले जो बढ़त थी वो अब दो अंकों में पहुंच गई है।
सीके/एए (एएफपी)
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