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Written By DW
Last Updated : मंगलवार, 9 दिसंबर 2025 (07:58 IST)

जर्मनी में एएफडी सांसदों पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप

जर्मन संसद यानी बुंडेसटाग की कई महिला सांसदों ने कहा है कि संसद में दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के सांसदों की तरफ से महिलाओं पर की जा रही टिप्पणियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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ओलिवर पीपर
स्वास्थ्य मंत्री नीना वार्केन जब संसद में सरकार की बेंच पर बैठती हैं, तो उनके ठीक पीछे एएफडी के सांसद बैठते हैं। वार्केन कहती हैं, "मैं बहुत कुछ सुन लेती हूं, जो आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं आता। महिलाओं पर तंज कसने वाले और उन्हें नीचा दिखाने वाले कमेंट लगातार सुनाई देते हैं।"
 
सत्ताधारी सीडीयू पार्टी की महिला इकाई की प्रमुख वार्केन कहती हैं कि 2017 में एएफडी के संसद में आने के बाद से माहौल काफी बदल गया है। उन्होंने बताया कि कई महिला नेताओं को न सिर्फ उनके राजनीतिक विचारों बल्कि उनके पहनावे और बाहरी स्वरूप को लेकर भी "घटिया और अपमानजनक" बातें कही जाती हैं। वार्केन ने कहा, "ये बिल्कुल अस्वीकार्य है। ये संसद की गरिमा से बहुत नीचे है। हमें मिलकर इसका विरोध करना चाहिए। ऐसे किसी भी सांसद को डराया नहीं जा सकता।"
 
एएफडी का पलटवार
एएफडी के स्वास्थ्य मामलों के प्रवक्ता मार्टिन सिषर्ट ने वर्केन के आरोपों को राजनीति बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने डीडब्ल्यू को ईमेल में लिखा, "मंत्री असली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही हैं। हमारी पार्टी मंत्री के आरोपों से डरने वाली नहीं है। हम सरकार की कमियों को खुलकर बताएंगे।"
 
आंकड़े दिखाते हैं कि संसद का माहौल सचमुच बदला है। 2017 में, जब एएफडी पहली बार बुंडेसटाग में आई थी, सिर्फ 2 बार सांसदों को चेतावनी दी गई थी। 2017 से 2021 के बीच 47 बार और 2021 से 2025 के बीच यह संख्या बढ़कर 135 हो गई, जिनमें से 85 मामले एएफडी से जुड़े हैं।
 
एसपीडी की सांसद कारमेन वेगे कहती हैं कि उनके भाषणों के रिकॉर्ड में अकसर सिर्फ इतना लिखा रहता है: एएफडी की तरफ से शोर। वेगे कहती हैं कि इतना हंगामा होता है कि लिखने वाले भी सब कुछ नोट नहीं कर पाते। उन्होंने तय किया है कि वो इन बातों को नजरअंदाज करती हैं।
 
सख्ती बढ़ी और जुर्माने भी
संसद अध्यक्ष यूलिया कलोक्नर (सीडीयू) ने हाल में नियम और सख्त किए हैं। गाली-गलौज या हंगामे पर लगने वाला जुर्माना पहले 1,000 यूरो था, जिसे बढ़ाकर 2,000 यूरो कर दिया गया है। दोबारा वही गलती करने पर अब 4,000 यूरो देना होगा। और अगर किसी सांसद को एक ही सत्र में तीन चेतावनियां मिलती हैं तो उन्हें सत्र से निकाल दिया जाएगा।
 
वेगे को नहीं लगता कि इससे एएफडी शांत हो जाएगी। उनका कहना है, "ये सब एएफडी की रणनीति का हिस्सा है। उनकी भाषा ही बताती है कि पार्टी का नजरिया क्या है।"
 
क्लाउडिया रोथ: "हम डरने वाले नहीं"
ग्रीन पार्टी की नेता क्लाउडिया रोथ, जो 2013 से 2021 तक बुंडेसटाग की उपाध्यक्ष थीं, कहती हैं कि एएफडी की ओर से सबसे ज्यादा निशाना वे ही बनी हैं। उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "मैं बोलना शुरू करती हूं, और शोर शुरू हो जाता है। उन्हें लगता है कि ऑनलाइन उनके समर्थक ऐसी बातों की तारीफ करते हैं। ये माहौल नई महिला सांसदों के लिए बहुत डराने वाला है।"
 
रोथ बताती हैं कि एक बार उन्होंने सोचा कि "नारीवादी विकास नीति" शब्द का इस्तेमाल न करें, क्योंकि एएफडी भड़क जाएगी। लेकिन बाद में उन्होंने तय किया कि वो डरेंगी नहीं। उन्होंने कहा, "वो हमें चुप कराना चाहते हैं। बहस से पीछे हटाना चाहते हैं। और यह बेहद खतरनाक है।"
 
उनका कहना है कि एएफडी का मकसद "महिलाओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना, उन्हें दुश्मन दिखाना और संसद जैसी लोकतांत्रिक संस्था को कमजोर करना" है। रोथ चेतावनी देते हुए कहती हैं, "अगर हमने इसे होने दिया, तो हम सब कुछ खो देंगे।"
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