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Written By DW
Last Modified: सोमवार, 8 दिसंबर 2025 (07:38 IST)

चांसलर मैर्त्स की पहली इजराइल यात्रा, क्या है मुख्य एजेंडा?

जर्मनी के चांसलर मैर्त्स पद संभालने के बाद पहली बार इजराइल गए हैं। दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देना भी उनके प्रमुख एजेंडा में शामिल है।

netanyahu with german chancellor
स्वाति मिश्रा
मई 2025 में चांसलर बने फ्रीडरिष मैर्त्स की यह पहली इजराइल यात्रा है। बीते कुछ दशकों, खासकर अंगेला मैर्केल की चांसलरी के समय से ही जर्मनी के चांसलर पदभार संभालने के कुछ ही महीनों के भीतर इजराइल की यात्रा करते हैं।
 
मैर्केल नवंबर 2005 में चांसलर बनीं और जनवरी 2006 में इजराइल की आधिकारिक यात्रा पर गईं। उनके बाद चांसलर बने ओलाफ शॉल्त्स ने दिसंबर 2021 में पद संभाला और मार्च 2022 में इजराइल की यात्रा पर पहुंचे। 
 
अपने पूर्ववर्ती दोनों चांसलरों की तुलना में मैर्त्स पहली इजराइल यात्रा पर कुछ देर से आए हैं। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार, गाजा पट्टी में हो रहे युद्ध को सात महीने की इस देरी का कारण माना जा रहा है।
 
मृत बंधकों के परिवार से भी भेंट करेंगे चांसलर
यात्रा के प्रारंभ में मैर्त्स ने इजराइल के राष्ट्रपति आईजाक हेर्त्सोग से मुलाकात की। यात्रा के आखिरी दिन, 7 दिसंबर को प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू से भी उनकी मुलाकात हुई। मैर्त्स ने बैठक से पहले ही कहा था कि इस मीटिंग में वह इजराइल-फलस्तीन संघर्ष सुलझाने के लिए दो-राष्ट्र समाधान पर अमल को प्रोत्साहन देंगे। पीएम नेतन्याहू कहते आए हैं कि फलस्तीनी राष्ट्र कभी नहीं बनेगा।
 
मैर्त्स यरुशलम में 'यद वशेम होलोकॉस्ट मेमोरियल' भी गए। स्मारक की अतिथि-पुस्तिका में चांसलर ने लिखा, "यहां यद वशेम में, जर्मनी की स्थायी ऐतिहासिक जिम्मेदारी महसूस हो रही है। जर्मनी को इजराइल के अस्तित्व और सुरक्षा के लिए जरूर खड़ा होना चाहिए। यह हमारे रिश्ते का कभी ना बदलने वाला मुख्य तत्व है, और यह हमेशा कायम रहेगा। हम जर्मनों द्वारा यहूदी लोगों के साथ किए गए होलोकॉस्ट के भीषण अपराध की स्मृतियों को जिंदा रखेंगे।" 
 
मैर्त्स ने जर्मनी के ऐतिहासिक दायित्व का जिक्र करते हुए कहा कि इजराइल का साथ देना जर्मन नीति का "अडिग सार" है।
 
जर्मन चांसलरों की इजराइल यात्रा में होलोकॉस्ट मेमोरियल जाना परंपरा का हिस्सा है। साल 1953 में बना यद वशेम, होलोकॉस्ट स्मारक है। यह होलोकॉस्ट में कत्ल किए गए यहूदियों, नष्ट किए गए यहूदी समुदायों को याद करता है।
 
जब पूर्व चांसलर मैर्केल पहली बार इस स्मारक पर गईं, तो अपना अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया, "उस जगह ने मुझे शर्म की गहरी भावना से भर दिया। मुझे याद है कि स्मारक स्थल पर रखे गेस्टबुक में मैंने क्या लिखा था। मैंने विल्हेम्ल फॉन हुम्बोल्ट की पंक्तियां लिखीं, "जो अतीत को जानते हैं, केवल उन्हीं का भविष्य है।"
 
इजराइल से वापस लौटने से पहले चांसलर मैर्त्स हमास द्वारा रिहा किए गए बंधकों से मिलने के साथ ही मृत बंधकों के परिवारों से भी मिलेंगे।
 
"जर्मनी बहुत मजबूती से इजराइल के साथ है"
राष्ट्रपति हेर्त्सोग के साथ बैठक में मैर्त्स ने मौजूदा समय को मुश्किल बताते हुए कहा, "हमारी मुलाकात बहुत ही जटिल और चुनौतीपूर्ण समय में हो रही है। आप जानते हैं, जर्मनी बहुत मजबूती से इजराइल के साथ है। खासतौर पर, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के भीषण हमले के समय से। तब से, हम अपनी दोस्ती को और भी गहराई देने और मजबूत बनाने में सक्षम रहे। और, आप जानते हैं कि हम हमेशा इजराइल के साथ खड़े रहेंगे। हम अब भी इस दोस्ती को एक चमत्कार मानते हैं।"
 
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद जर्मनी ने कहा कि वह जवाबी कार्रवाई के इजराइल के अधिकार का समर्थन करता है। हालांकि, बाद के दिनों में गाजा पर इजराइल के हमले को लेकर जर्मनी ने चिंताएं भी जाहिर कीं। इस मसले पर बातचीत के लिए पूर्ववर्ती शॉल्त्स सरकार में विदेश मंत्री रहीं आनालेना बेयरबॉक कई बार इजराइल गईं।
 
दोनों देशों के संबंधों में एक दुर्लभ खिंचाव भी दिखा, जब गाजा में इजराइली सैन्य गतिविधियों को लेकर बर्लिन ने कुछ हथियारों की आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगा दी। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसपर नाराजगी भी जताई। दो हफ्ते पहले ही यह प्रतिबंध खत्म कर दिया गया था।
 
समर्थन और चिंता की इस समांतर दुविधा को मैर्त्स ने भी रेखांकित किया, "सैन्य कार्रवाई और सरकार की कार्रवाई ने हमें असमंजस में डाल दिया। हमें इसपर प्रतिक्रिया तो देनी ही थी, लेकिन आप आश्वस्त रहें कि हम अब भी आपके साथ हैं।"
 
जर्मन विदेश नीति के सबसे मुख्य स्तंभों में से एक को दोहराते हुए मैर्त्स ने कहा, "इजराइल को अपनी रक्षा का अधिकार है। उसे अस्तित्व का अधिकार है। हम इजराइल के इस होने के अधिकार के साथ हैं और आपकी कोशिशों में आपके साथ हैं।"
 
यरुशलम में इजराइली राष्ट्रपति के दफ्तर की गेस्टबुक में मैर्त्स ने लिखा, "जर्मनी और इजराइल के बीच दोस्ती बहुमूल्य है।"
 
दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के संदर्भ में मैर्त्स ने कहा, "शांति और वार्ता अगले चरण में बढ़ रही है, ऐसे में हम आपकी सहायता करेंगे। जैसे ही हमास अपने सभी हथियार डाल देगा, वैसे ही युद्ध खत्म हो जाएगा। युद्ध खत्म होगा और फिर हम भविष्य की ओर देखेंगे।" मैर्त्स ने वेस्ट बैंक की स्थितियों के सकारात्मक दिशा में बढ़ने की भी आशा जताई।
 
इजराइल-फलस्तीन के बीच "टू-स्टेट" समाधान पर जोर देते हुए मैर्त्स ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच अच्छे सहअस्तित्व के लिए यह अहम है। इजराइल के राष्ट्रपति हेर्त्सोग ने भी उम्मीद जताई कि गाजा शांति योजना, गाजा और इजराइल के लोगों समेत पड़ोसी अरब देशों के लिए एक नई शुरुआत बन सकेगी। हेर्त्सोग ने कहा कि इस दिशा में जर्मनी अहम भूमिका निभा सकता है। 
 
मैर्त्स अपनी इस यात्रा में जॉर्डन से इजराइल पहुंचे हैं। जॉर्डन में उन्होंने मध्यपूर्व शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अपील की। जॉर्डन के सुल्तान किंग अब्दुल्ला से वार्ता के बाद मैर्त्स ने बताया कि उन दोनों को ही इस बात की राहत है कि "दो महीने से ज्यादा वक्त बाद गाजा में संघर्षविराम स्थिर हुआ है। मगर, अब दूसरा चरण जरूर शुरू हो जाना चाहिए। इसमें यह भी शामिल है कि हम आखिरकार हमास के आंतक का आधार हटा दें।" जर्मन चांसलर ने मुश्किल समय में इस क्षेत्र को स्थिरता देने में जॉर्डन के "सकारात्मक प्रयासों" की सराहना की।
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