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Written By DW
Last Modified: मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 (07:49 IST)

अब नए फोन में नहीं चलेगा पुराने नंबर का वॉट्सएप

अब सिम बदलने पर पुराने नंबर का वॉट्सएप जारी नहीं रहेगा। भारत के दूरसंचार विभाग ने कंपनियों ने इसे बंद करने को कहा है।

whatsapp
विवेक कुमार
भारत के दूरसंचार विभाग ने ऑनलाइन मेसेजिंग प्लेटफॉर्मों को निर्देश दिया है कि उपयोगकर्ताओं को वही सिम कार्ड उपयोग में रखे बिना उनकी सेवाओं तक पहुंचने की अनुमति ना दी जाए, जिसका उपयोग ऐप पर पंजीकरण के लिए किया गया था।
 
सरकार के इस आदेश का सीधा असर वॉट्सएप जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्मों पर पड़ेगा और उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार यह विदेश यात्रा करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी चुनौती बन सकता है। कई के अनुसार यह निर्देश कई उपकरणों पर एक साथ सेवाओं के उपयोग को भी प्रभावित करेगा।
 
विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि सरकार को जानकारी मिली है कि कुछ ऐप आधारित संचार सेवाएं, जो मोबाइल नंबर को ग्राहक की पहचान के तौर पर उपयोग करती हैं, उपयोगकर्ताओं को उस स्थिति में भी सेवा उपलब्ध करा रही हैं जब पंजीकृत सिम कार्ड डिवाइस में मौजूद नहीं होता। विभाग के अनुसार, इसका दुरुपयोग देश के बाहर से साइबर धोखाधड़ी करने में किया जा रहा है और यह दूरसंचार साइबर सुरक्षा के लिए खतरा है।
 
यह नोटिस वॉट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अराटाई, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट और जोश समेत कई कंपनियों को भेजा गया है। वॉट्सएप जैसी कंपनियां पहले भी सरकार के निशाने पर रही हैं और एक बार तो वॉट्सएप ने भारत छोड़ने तक की बात कह दी थी।
 
6 घंटे में लॉगआउट अनिवार्य
दूरसंचार विभाग ने निर्देश दिया है कि 90 दिनों के अंदर सभी प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करें कि सेवाएं "लगातार” उस सिम कार्ड से ही जुड़ी हों, जिससे पंजीकरण किया गया था। यदि सिम डिवाइस में मौजूद ना हो, तो सेवा को तत्काल रोकना होगा। तकनीकी भाषा में इसे सिमबाइंडिंग कहा जाता है।
 
इसके अलावा, इन प्लेटफॉर्मों की सहायक वेब सेवाएं जैसे वॉट्सएप वेब को समय–समय पर लॉगआउट किया जाना अनिवार्य किया गया है, जिसकी अधिकतम सीमा 6 घंटे रखी गई है। प्लेटफॉर्मों को चार महीनों के भीतर बताना होगा कि उन्होंने नियमों को लागू किया या नहीं।
 
केंद्र सरकार ने यह दिशा–निर्देश टेलिकम्युनिकेशन साइबरसिक्योरिटी एमेंडमेंट रूल्स, 2025 से मिले अधिकारों के तहत जारी किए हैं। ये नियम अक्टूबर में अधिसूचित किए गए थे।
 
विदेश यात्रा और मल्टी–डिवाइस उपयोग पर असर
एक वरिष्ठ उद्योग अधिकारी ने कहा कि यह निर्देश विदेश यात्रा करने वालों के लिए समस्या पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा, "अब तक जब आप विदेश यात्रा करते हैं और उस देश का नया सिम कार्ड लगाते हैं, तब भी वॉट्सएप जैसी सेवाएं बिना दोबारा पंजीकरण के चलती रहती हैं। लेकिन नए नियमों के अनुसार अब ऐसा नहीं हो पाएगा।”
 
एक अन्य उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि हर 6 घंटे में डेस्कटॉप संस्करण से लॉगआउट होने का निर्देश पेशेवर कामकाज को बाधित कर सकता है। उन्होंने कहा, "बहुत से लोग दफ्तर में कंप्यूटर पर वॉट्सएप जैसी सेवाओं का उपयोग करते हैं। कई मामलों में फोन आसपास नहीं होता। अब इस प्रक्रिया में काफी अतिरिक्त रुकावटें आएंगी।”
 
उद्योग के कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह निर्देश धोखाधड़ी रोकने में कितना प्रभावी होगा, इस पर सवाल हैं। कई साइबर अपराधी फर्जी पहचान पत्रों या ‘म्यूल' आईडी के जरिए अवैध रूप से सिम कार्ड  हासिल करके धोखाधड़ी करते हैं। ऐसे मामलों में सिम बाइंडिंग के निर्देश से कितना फर्क पड़ेगा, यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि मूल सिम स्वयं ही अवैध तरीके से प्राप्त किया जाता है।
 
टेलिकॉम साइबर सुरक्षा नियमों का प्रस्ताव जारी होने के समय उद्योग ने सिम बाइंडिंग की जरूरत का समर्थन किया था। सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) तीनों निजी दूरसंचार कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। उसने उस समय कहा था, "वर्तमान में किसी उपभोक्ता के ऐप आधारित संचार सेवा और उनके मोबाइल सिम कार्ड के बीच बाइंडिंग केवल प्रारंभिक स्थापना और सत्यापन के दौरान होती है। उसके बाद, सिम कार्ड हट जाने, बदल जाने या निष्क्रिय होने की स्थिति में भी ऐप स्वतंत्र रूप से कार्य करना जारी रखता है।”
 
सीओएआई के अनुसार यह सुरक्षा के लिहाज से जोखिम पैदा करता है और बाइंडिंग को निरंतर बनाए रखना आवश्यक है। दूरसंचार विभाग के नए निर्देश लोकप्रिय मेसेजिंग प्लेटफॉर्मों, विदेश यात्रा करने वाले उपभोक्ताओं और कंप्यूटर पर नियमित रूप से इन सेवाओं का उपयोग करने वाले पेशेवरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।