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Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 18 नवंबर 2021 (16:30 IST)

पाकिस्तान की संसद ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया

पाकिस्तान की संसद ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया - Bill passed on electronic voting in Pakistan
पाकिस्तान की संसद ने मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति देने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया। पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति देने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया। विपक्ष इस बिल को लेकर काफी गुस्से में है।
 
पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को विपक्ष के उग्र विरोध के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को अनुमति देने वाला एक कानून पारित किय। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने अगले चुनाव में धांधली करने के लिए इसे आगे बढ़ाया है। बुधवार को सदन में इस बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने बिल की प्रतियां फाड़ दीं, नारे लगाए और बाहर निकलने से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान को वोट चोर कहा।
 
संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, "मेरा मानना है कि यह हमारे संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है। हम इसकी निंदा करते हैं।" सरकार को विपक्ष के 203 के मुकाबले 221 वोट मिले।  इमरान खान की सरकार महीनों से उस कानून को पारित करने की कोशिश कर रही है जो विदेशी पाकिस्तानियों को अपना मतदान ऑनलाइन करने की अनुमति देगा।
 
प्रधानमंत्री इमरान खान को विदेशों में रहने वाले लगभग 90 लाख  पाकिस्तानियों के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त है। देश में अगला आम चुनाव 2023 के लिए निर्धारित है। पाकिस्तान में पिछले आम चुनावों में हुए मतदान में इमरान खान की जीत का बहुत बड़ा श्रेय उनके विदेशी मतदाताओं को जाता है।
 
चुनाव में धांधली का आरोप
 
पाकिस्तान में हर चुनाव के बाद वोट में धांधली का आरोप लगाने वाली पार्टियों का इतिहास रहा है। खान का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटों की गिनती से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। विपक्ष और कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खान के एक और कार्यकाल हासिल करने की संभावना नहीं है।
 
कई राजनीतिक पंडितों ने भी भविष्यवाणी की थी कि अगर इमरान खान संसद में हार जाते हैं, तो यह उनकी सरकार के लिए एक बड़ा खतरा होगा। कुछ लोगों ने तो यहां तक ​​कह दिया था कि ऐसे में इमरान खान की सरकार खत्म हो जाएगी।
 
सरकार एक पुराने आर्थिक संकट से जूझ रही है और बढ़ती मुद्रास्फीति सेना के साथ इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के एक नए प्रमुख की नियुक्ति को लेकर भी विवाद है।  विपक्ष का आरोप है कि सेना ने 2018 के चुनाव में धांधली करके खान को सत्ता में लाई थी। सरकार और सेना दोनों ने इस आरोप से इंकार किया था। अब विपक्ष का कहना है कि वह नए कानून को अदालत में चुनौती देगा।
 
भारत में भी ईवीएम को लेकर विपक्ष सवाल उठाता रहा है और उसकी विश्वसनीयता पर संदेह जताता आया है। हर चुनाव के बाद भारत में बैलेट से मतदान की मांग उठ जाती है।
 
एए/वीके (रॉयटर्स, एपी)
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