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Written By DW
Last Modified: शुक्रवार, 21 अप्रैल 2023 (08:56 IST)

कोरोना काल में 6.7 करोड़ बच्चों को नहीं मिल पाया टीका

कोरोना काल में 6.7 करोड़ बच्चों को नहीं मिल पाया टीका - 67 million children missed vaccines during pandemic unicef
Corona Vaccination : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष का कहना है बचपन में दी जाने वाली वैक्सीन में एक दशक से अधिक की प्रगति के बाद टीके के विश्वास में गिरावट आई है। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2023 के मुताबिक कोविड-19 महामारी बचपन में दिए जाने वाले नियमित टीकों की सार्वजनिक धारणा में गिरावट की वजह बनी है। रिपोर्ट कहती है कि करीब 6।7 करोड़ बच्चे एक या एक से अधिक संभावित जीवन रक्षक टीकों से वंचित हो गए।
 
रिपोर्ट में कहा गया है, "बचपन में दिए जाने वाले नियमित टीके में एक दशक से अधिक की मेहनत की कमाई खत्म हो गई है।" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेटा राजनीतिक ध्रुवीकरण, सरकारों में घटते विश्वास और गलत सूचना के बीच बढ़ती वैक्सीन हिचकिचाहट की चिंताजनक प्रवृत्ति का संकेत देता है।
 
एक पीढ़ी में बचपन के टीकाकरण में सबसे बड़ी निरंतर गिरावट कोविड-19 व्यवधानों के दौरान देखी गई, जिसमें 6।7 करोड़ बच्चे कम से कम एक टीका से वंचित रह गए।
 
रिपोर्ट में यह भी प्रकाश डाला गया है कि बढ़ते प्रकोप के बावजूद भी टीकाकरण में तेजी के प्रयास अब तक असफल रहे हैं।
 
महामारी के पीड़ित
दशकों की मेहनत के बाद टीकाकरण में प्रगित हासिल की गई थी लेकिन इसमें अब कोरोना के कारण गिरावट आई है और पटरी पर इसे वापस लाना एक चुनौती भरा काम है।
 
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने एक बयान में कहा, "नियमित टीके में जो विश्वास बना हुआ है उसको महामारी का शिकार नहीं बनने दे सकते हैं।"
 
उन्होंने आगे कहा, "अन्यथा खसरा, डिप्थीरिया या अन्य रोकथाम योग्य बीमारियों से रोकी जा सकने वाली बाल मृत्यु की एक और लहर हो सकती है।" रिपोर्ट में सर्वेक्षण में शामिल 55 देशों में से 52 देशों में टीके के प्रति विश्वास में गिरावट को लेकर भी चिंता जताई गई है।
 
बच्चों की जान बचाने के लिए अहम हैं टीके
वैक्सीन के भरोसे को "अस्थिर और समय-विशिष्ट" बताते हुए रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि वैक्सीन का विश्वास आसानी से कम हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखने के लिए और विश्लेषण की आवश्यकता होगी कि क्या महामारी के अंत के बाद भी आत्मविश्वास में गिरावट की प्रवृत्ति बनी रहती है।
 
रिपोर्ट के मुताबिक टीकों के लिए समग्र समर्थन "अपेक्षाकृत मजबूत" है। सर्वेक्षण में कहा गया है, "55 देशों के 80 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने टीकों को बच्चों के लिए महत्वपूर्ण माना है।"
 
रिपोर्ट यह भी बताती है कि वैक्सीन का विश्वास विश्व स्तर पर भिन्न है और भारत, चीन और मेक्सिको जैसे देशों में वैक्सीन पर विश्वास में महत्वपूर्ण गिरावट नहीं दिखी रही है। इसके विपरीत दक्षिण कोरिया जैसे देशों में टीकों में विश्वास में 44 प्रतिशत की गिरावट देखी गई जबिक घाना, सेनेगल और जापान में एक तिहाई से अधिक की गिरावट देखी गई।
 
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)