हरभजन सिंह की मुसीबतें और बढ़ीं
भारत के स्टार ऑफ स्पिनर रहे हरभजन सिंह पर एक के बाद एक मुसीबतों का पहाड़ गिर रहा है। चयनकर्ताओं ने भज्जी की जगह आर. अश्विन को मौका देकर जो जुआं खेला था, उसमें वे कामयाब रहे और अश्विन ने न केवल गेंदबाजी के बूते पर बल्कि अपनी बल्लेबाजी से भी टीम में आने वाले कई सालों तक के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया है।कप्तान सचिन तेंडुलकर की गैरमौजूदगी में आईपीएल 4 में मुंबई इंडियंस को चैम्पियन बनाने वाले कार्यवाहक कप्तान हरभजन को उम्मीद थी कि उनकी इस कामयाबी को चयनकर्ता नोटिस में लेंगे लेकिन भविष्य की टीम को देखते हुए भज्जी के स्थान पर अश्विन को तरजीह दी गई। हरभजन सिंह हैरान परेशान रहे और मीडिया को बताते रहे कि वे फिट होकर फिर से टीम इंडिया का हिस्सा बनेंगे। इसके साथ ही साथ वे अश्विन के प्रदर्शन पर भी उनकी पीठ थपथपाते रहे।भज्जी के बारे में ताजा अपडेट यह आया है कि चोट की वजह से वे अगले 18 दिनों तक प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट से बाहर रहेंगे। चोट के कारण ही उन्होंने इस रणजी सीजन में पंजाब की कप्तानी से भी अपना नाम वापस ले लिया था। हरभजन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के फिजियो नितिन पटेल की देखरेख में अपनी चोट और फिटनेस दुरुस्त करेंगे।हरभजन का कहना था कि मैं एक बार फिर टीम इंडिया का हिस्सा बनने के लिए बेताब हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि फिजियो की देखरेख में मैं पहले वाला भज्जी बनकर सामने आऊंगा।सनद रहे कि 31 साल के हरभजन सिंह ने अपना अंतिम टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ 29 जुलाई से 1 अगस्त तक खेला था जबकि आखिरी बार वे भारत की तरफ से एक दिवसीय मैच खेलने वेस्टइंडीज की सरजमीं पर 11 जून 2011 के दिन मैदान पर उतरे थे।हरभजन ने 98 टेस्ट की 138 पारियों में 22 बार नाबाद रहकर 2164 रन बनाए। टेस्ट बल्लेबाजी में उनका उच्चतम स्कोर 115 का रहा है। टेस्ट क्रिकेट की गेंदबाजी में भज्जी का प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्होंने 406 विकेट प्राप्त किए हैं। बेस्ट परफॉरमेंस 84 रन की कीमत पर 8 विकेट लेने का रहा है।उन्होंने भारत के लिए 229 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 33 बार नाबाद रहकर 1190 रन बनाए (उच्चतम 49 रन)। गेंदबाजी में भी उनका जादू चला और वे 259 विकेट अपने नाम के आगे लिखवाने में कामयाब रहे। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 31 रन देकर 5 विकेट लेने का रहा है। (वेबदुनिया न्यूज)