मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
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Written By भाषा

सचिन के नाबाद शतक से भारत जीता

बेस्ट ऑफ थ्री के पहले फाइनल में भारत 6 विकेट से विजयी

क्रिकेट भारत ऑस्ट्रेलिया सीबी सिरीज
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सचिन तेंडुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहला एकदिवसीय शतक जमाकर अपने आलोचकों के मुँह बंद करने के साथ ही भारत को त्रिकोणीय सिरीज के पहले फाइनल में आज यहाँ अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया पर 25 गेंद शेष रहते हुए छह विकेट की जोरदार जीत दिलाई।

तेंडुलकर ने सही समय पर अपने बल्ले की चमक बिखेरकर नाबाद 117 रन की उम्दा पारी खेली जिससे भारत त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया से मैच जीतने में कामयाब रहा। दूसरा फाइनल चार मार्च को ब्रिसबेन में खेला जाएगा और यदि भारत उसमें जीत जाता है तो वह खिताब हासिल कर लेगा।

भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन जारी रखा और मैथ्यू हेडन के 82 रन के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट पर 239 रन ही बनाने दिए। तेज गेंदबाजों ने उपरी क्रम को झकझोर कर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह ओवर में तीन विकेट पर 24 रन कर दिया जबकि बाद में हरभजनसिंह की अगुवाई में स्पिनरों ने उस पर अंकुश लगाए रखा।

इसके बाद तेंडुलकर ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की बल्लेबाजों के लिए अनुकूल पिच पर अपने ड्राइव, कट, पुल और स्वीप का बेजोड़ नजारा पेश किया। उन्हें युवा रोहित शर्मा (66) के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला और इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी करके 45.5 ओवर में भारत का स्कोर चार विकेट पर 242 रन पर पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।

पिछले साल छह बार 'नर्वस नाइंटीज' का शिकार बनने वाले तेंडुलकर शतक जमाने और भारत को 'बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल्स' में आगे करने की प्रतिबद्धता के साथ मैदान पर उतरे थे। वह जब 98 रन पर थे तब ब्रेट ली ने बीमर मारकर उनका आत्मविश्वास डिगाना चाहा।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने हालाँकि तुरंत उनसे माफी माँगी और तेंडुलकर ने उसे स्वीकार करके जेम्स होप्स के अगले ओवर में गली में एक रन लेकर ऑस्ट्रेलिया ई सरजमीं पर 39वें मैच में पहला और कुल 42वाँ एकदिवसीय शतक पूरा किया।

श्रृंखला के शुरुआती सात मैच में लचर प्रदर्शन के कारण आलोचकों के निशाने पर रहे तेंडुलकर ने अपनी पारी में 120 गेंद खेली तथा दस चौके जमाए। रोहित की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने इस स्टार बल्लेबाज के साथ बेहतर सहयोगी की अच्छी भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी पारी में 87 गेंद का सामना करके आठ चौके लगाए।

तेंडुलकर ने शुरू से ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को हावी नहीं होने दिया। उन्होंने तब भी भारतीय पारी को लय में बनाये रखा जब टीम ने आठ ओवर में तीन विकेट गँवा दिए थे। भारत ने रॉबिन उथप्पा (17) के रूप में पहला विकेट गँवाया, जिन्होंने होप्स की गेंद पर लंबा शॉट खेला लेकिन माइक हसी ने दौड़ लगाकर निचला कैच अपने हवाले कर दिया।

इसके एक ओवर बाद इस श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन करने वाले गौतम गंभीर (3) भी तेंडुलकर के साथ गलतफहमी के कारण रन आउट हो गए जबकि युवराज सिंह (10) ने फिर से निराश किया और ब्रैड हॉग की लेग ब्रेक गेंद की लाइन में न आने के कारण बोल्ड होकर पैवेलियन लौटे।

ऑस्ट्रेलियाई टीम का वापसी करने का सपना हालाँकि पूरा नहीं हो पाया तथा मुंबई के दोनों बल्लेबाजों तेंडुलकर और रोहित ने उसके अरमानों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रोहित अधिक आक्रामक होकर बल्लेबाजी कर रहे थे जबकि तेंडुलकर ने चतुराई भरी बल्लेबाजी करके रिकी पोंटिंग की झल्लाहट बढ़ा दी।

इन दोनों ने विशेषकर नाथन ब्रैकन और मिशेल जॉनसन को निशाना बनाया तथा केवल 136 गेंद पर 123 रन की मैच जिताने वाली साझेदारी निभाई। रोहित ने इस बीच इस श्रृंखला का दूसरा और कुल तीसरा एकदिवसीय अर्धशतक पूरा किया। तेंडुलकर के शतक पूरा करने के तुरंत बाद होप्स ने रोहित को बोल्ड कर दिया था लेकिन तब तक भारत की जीत सुनिश्चित हो चुकी थी।

तेंडुलकर ने शतक जमाने के बाद जॉनसन के एक ओवर में लगातार दो चौके जमाये जबकि कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (नाबाद 15) ने होप्स की गेंद पर चौका जड़कर जीत की औपचारिकता पूरी की।

सचिन आलोचकों पर बरसे
तेंडुलकर से सीख लें-पोंटिंग
ईशांत की अँगुली में चोट लगी
भारत ने जीत की 'हैट्रिक' लगाई
सचिन और गेंदबाजों को श्रेय-धोनी
बीमर के लिए ब्रेट ली ने माफी माँगी

इससे पहले प्रवीण कुमार ने दो और ईशांत शर्मा ने एक विकेट लेकर छठे ओवर तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तीन विकेट पर 24 रन कर दिया। हेडन ने एंड्रयू साइमंड्स (31) के साथ चौथे विकेट के लिए 100 रन की भागीदारी करके टीम को इस संकट से निकालने की कोशिश की।

हरभजन पर 'व्यंगबाण' कसने के कारण चर्चा में रहे हेडन और साइमंड्स को हालांकि इस ऑफ स्पिनर ने पैवेलियन का रास्ता दिखाकर बदला चुकता करने के साथ ऑस्ट्रेलिया को फिर से बैकफुट पर भेज दिया।

एडम गिलक्रिस्ट (7), पोंटिंग (1) और माइकल क्लार्क (4) ने आक्रामकता दिखाने के प्रयास में अपने विकेट गँवाए। परवीन ने अपने पहले स्पैल में गिलक्रिस्ट और पोंटिंग को आउट किया। क्लार्क का भाग्य ने साथ नहीं दिया और ईशांत शर्मा की गेंद पर अंपायर रूडी कर्टजन ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया। हालाँकि उस समय गेंद उनके पैड से लगकर गई थी।

साइमंड्स जब हेडन के साथ टीम को संकट से उबार रहे थे तब उन्होंने हरभजन की गेंद की लाइन में आये बिना उसे ड्राइव किया जिसे लांग आन पर परवीन ने आसान कैच में तब्दील किया। हरभजन ने इसके दो ओवर बाद उन्हें 'कचरा' कहने वाले हेडन को पीयूष चावला के हाथों कैच कराया। हेडन ने अपनी पारी में 88 गेंद का सामना किया तथा दस चौके लगाए।

हरभजन ने दस ओवर में 38 रन देकर दो विकेट लिए। उन्होंने तब गेंदबाजी का जिम्मा संभाला जब इरफान पठान पूरी तरह असफल रहे थे। पठान को 11वें ओवर में गेंदबाजी के लिये लाया गया लेकिन हेडन ने उनकी 12 गेंद पर छह चौके जमाकर ऑस्ट्रेलियाई स्थिति सुधार दी।

ऑस्ट्रेलिया की इस प्रगति पर हरभजन ही नहीं बल्कि युवा चावला ने भी रोक लगाई। उन्होंने दस ओवर में केवल 33 रन दिए और एक भी चौका नहीं दिया।

हसी (45) ने तेजी से रन जुटाने की अपनी तरफ से भरसक कोशिश की लेकिन 46वें ओवर तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह विकेट पर 203 रन था। अगला ओवर काफी रोमांचक रहा। इस ओवर में जहाँ भारतीयों को एक विकेट मिला, वहीं एक नग्न व्यक्ति मैदान में भी घुसा।

हसी इसी ओवर की अंतिम गेंद पर रन आउट हुए। उन्होंने 67 गेंद का सामना किया तथा केवल दो चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन एकत्र किए थे।