Last Updated :डरबन , सोमवार, 27 सितम्बर 2010 (10:35 IST)
सचिन और कुम्बले के बीच होगी जंग
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की मुम्बई इंडियंस और पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुम्बले की रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल की अपनी उम्मीदों को बनाए रखने के लिए रविवार को महामुकबला होगा।
चैम्पियंस लीग के ग्रुप.बी. में बेंगलुरु की टीम दो मैचों में दो अंकों के साथ दूसरे और मुम्बई इंडियंस तीन मैचों में दो अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका की हाईवेल्ड लायंस के भी दो मैचों से दो अंक है और उसे भी सेमीफाइनल की होड से बाहर नहीं किया जा सकता है।
इस ग्रुप से साउथ ऑस्ट्रेलिया जीत की हैट्रिक बनाकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुका है। साउथ ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को रायल चैलेंजर्स को आठ विकेट से हराया था। इस ग्रुप से अब सेमीफाइनल में पहुँचने वाली दूसरी टीम के लिए तीन टीमों के बीच होड़ लगी हुई है।
मुम्बई इंडियंस के पास यह आखिरी मौका है कि वह अपनी उम्मीदों का चिराग रोशन रखे। बेंगलुरु से हारने की सूरत में आईपीएल थ्री की उपविजेता मुम्बई टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी।
बेंगलुरु को इसके बाद अपना आखिरी मैच 21 सितंबर को लांयस से खेलना है। लांयस को रविवार को गयाना से खेलने के बाद 21 सितंबर को चैलेंजर्स से खेलना है जबकि गयाना को इसी दिन साउथ ऑस्ट्रेलिया से लोहा लेना है।
सचिन ने गयाना के खिलाफ 31 रन की जीत दर्ज करने के बाद कहा था कि उन्हें इस जीत की खुशी है, लेकिन इस मैच को बेहतर ढंग से फिनिश किया जा सकता था। उन्होंने कहा था कि उनकी टीम की गेंदबाजी में अभी सुधार की जरूरत है।
उन्होंने रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ होने वाले आखिरी लीग मैच के लिए कहा था कि हमें यही प्रदर्शन रायल चैलेंजर्स के खिलाफ दिखाना होगा और बड़ी जीत दर्ज करनी होगी ताकि सेमीफाइनल की उम्मीदें कायम रह सकें।
मास्टर ब्लास्टर ने कहा था कि बेंगलूर टीम के साथ मुकाबला जबरदस्त होगा और उन्हें इस जीत का जज्बा उस मैच में भी कायम रखना होगा। सचिन की एक बार उम्मीदें अपने तूफानी बल्लेबाजी पोलार्ड पर टिकी होंगी जिन्होंने गयाना के खिलाफ मात्र 30 गेंदों में नौ छक्कों और एक चौके की मदद से नाबाद 72 रन ठोके थे।
मुंबई को यदि सेमीफाइनल की अपनी उम्मीदों को रोशन रखना है तो उसे एक और बड़ी जीत हासिल करनी होगी। इसके लिए कप्तान सचिन, पोलार्ड और टीम के युवा बल्लेबाजों शिखर धवन, सौरभ तिवारी और अंबाती रायुडू को उल्लेखनीय प्रदर्शन करना होगा। टीम की गेंदबाजी का दारोमदार एक बार फिर जहीर खान, लसित मलिंगा, ड्वेन ब्रावो और हरभजन सिंह पर निर्भर करेगा।
यदि कैलिस लौटते हैं तो बेंगलुरु का मनोबल अपने आप बढ़ जाएगा। लेकिन इसके साथ ही मनीष पांडे और रोबिन उथप्पा को पिछले मैच की निराशा से उबरना होगा जबकि रोस टेलर को टीम के लिए एक और विस्फोटक पारी खेलनी होगी। (वार्ता)