Last Modified: मुंबई ,
शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013 (13:01 IST)
वेस्टइंडीज का फैसला हैरानीभरा-मिताली
भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा कि आईसीसी महिला विश्वकप के पहले मैच में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण के वेस्टइंडीज की कप्तान मेरिसा एगुइलेइरा के फैसले पर वह हैरान रह गई।
मिताली ने भारत की शानदार जीत के बाद कहा कि यदि मैंने टॉस जीता होता तो मैं पहले बल्लेबाजी करती क्योंकि पिच सपाट थी। इस पिच पर 285 रन के लक्ष्य का पीछा करने की बजाय बड़ा स्कोर बनाना आसान होता।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य का पीछा करते समय हमेशा दबाव रहता है। उन्होंने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया, जिससे मैं हैरान रह गई। वहीं कैरेबियाई कप्तान मेरिसा ने कहा कि यह टीम का फैसला था।
उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट था, लेकिन टीम ने तय किया कि हम पहले क्षेत्ररक्षण करेंगे। यह टीम का फैसला था। हम अपनी गलतियों पर आत्ममंथन करके अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। भारत ने भले ही 105 रन से जीत दर्ज की, लेकिन मिताली ने कहा कि डिएंड्रा डोटिन के क्रीज पर रहने तक वह नर्वस थी।
उन्होंने कहा कि मैं सोच रही थी कि उसमें बार-बार चौके लगाने की ताकत कहां से आई। हमारे गेंदबाज खराब प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, लेकिन उसने जबर्दस्त स्ट्रोक्स लगाए। हम थोड़े समय के लिए नर्वस थे पर मुझे खुशी है कि वे जल्दी आउट हो गई। यह पूछने पर कि क्या डोटिन को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा जाएगा, मेरिसा ने कहा कि डोटिन अच्छे क्रम पर हैं। वे दस ओवर और खेलती तो बहुत अच्छा रहता, लेकिन वह ऐसा कर नहीं सकी।
आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरी मिताली ने कहा कि अच्छी शुरुआत मिलने के बाद वह चाहती थी कि आखिरी ओवरों में आक्रामक खेल दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की और पॉवरप्ले खत्म होने तक करते रहे, मुझे लगा कि ऐसे बल्लेबाजों को भेजना चाहिए जो तेजी से रन बना सकें। हमने कुछ बल्लेबाजों को स्लाग ओवरों के लिए तैयार किया है।
मिताली ने 175 रन की साझेदारी करने वाले सलामी बल्लेबाज पूनम राउत और तिरुषकामिनी मुरुगेसन की तारीफ की।