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Written By भाषा
Last Updated :नई दिल्ली (भाषा) , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (20:13 IST)

लंका पर फतह करना नहीं है आसान

लंका पर फतह करना नहीं है आसान -
अर्जुन की तर्ज पर केवल लक्ष्य पर ध्यान रखने वाले भारतीय कप्तान अनिल कुंबले और उनके रणबांकुरों को श्रीलंकाई दौरे में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा क्योंकि 'मुरली की लंका' पर फतह करना किसी भी टीम के लिए आसान काम नहीं रहा है।

कुंबले की अगुवाई वाली भारतीय टीम को 23 जुलाई से होने वाली तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में उन 'श्रीलंकन टाइगर्स' से भिड़ना जो अपनी सरजमीं पर अक्सर अव्वल रहते आए हैं। मुथैया मुरलीधरन के आने के बाद तो विदेशी टीमों के लिए श्रीलंका को उसकी धरती पर हराना सबसे बड़ी चुनौती रही है।

विदेशी धरती पर 90 मैच में केवल 16 में जीत दर्ज करने वाले श्रीलंका ने इसके विपरीत अब तक अपनी सरजमीं पर 87 टेस्ट मैच में 36 में जीत दर्ज की है और 21 में उसे हार मिली है। पिछले 16 टेस्ट मैच में तो उसने अपनी धरती पर केवल एक मैच गंवाया है जबकि 11 मैच में उसने जीत हासिल की है।

मुरलीधरन के टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद से श्रीलंका ने अपनी सरजमीं पर जो 67 मैच खेले हैं उनमें से उसने 32 में जीत हासिल की जबकि केवल 13 मैच में उसे हार मिली। बाकी मैच ड्रॉ रहे। इस तरह से मुरली की अनुपस्थिति में खेले गए अन्य 20 मैच में से श्रीलंका केवल चार में जीत दर्ज कर पाया।

मुरलीधरन ने अपनी सरजमीं पर किसी भी बल्लेबाज को नहीं बख्शा है। ब्रायन लारा ने एक समय जरूर उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन तब इसी आफ स्पिनर के दम पर श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को तीनों मैच में हराया था।

मुरलीधरन ने अपनी सरजमीं पर जो 67 मैच खेले हैं उनमें उन्होंने 19.22 की औसत से 451 विकेट लिएहैं। इनमें से उन्होंने 42 बार पारी में पाँच और 14 बार मैच में दस विकेट हासिल किए। यह करिश्माई गेंदबाज अभी तक 21.95 की औसत से कुल 735 टेस्ट विकेट लेकर शिखर पर है।

श्रीलंका अपनी सरजमीं पर यदि अच्छा रिकार्ड रखता है तो उसका पूरा श्रेय मुरलीधरन को जाता है। उनके रहते हुए श्रीलंका ने अपने मैदानों पर जो 32 मैच जीते उनमें मुरलीधरन ने 14.67 की औसत से 268 विकेट लिए। मुरली के रहते हुए जिन 13 मैचों में श्रीलंका पराजित हुआ उनमें इस गेंदबाज ने 28.13 की औसत से केवल 76 विकेट लिए जो इस तथ्य को उजागर करता है कि मुरली के न चलने पर श्रीलंका को हराना आसान रहा है।

भारत मुरलीधरन की मौजूदगी में श्रीलंका में केवल एक मैच जीत पाया जबकि इस बीच उसने दो मैच गँवाए। इन दोनों मैच में मुरलीधरन ने कुल मिलाकर 19 विकेट लिए। पाकिस्तान ने जरूर मुरली की मौजूदगी वाली श्रीलंकाई टीम को उसकी सरजमीं पर चार बार जबकि ऑस्ट्रेलिया ने तीन तथा दक्षिण अफ्रीका व इंग्लैंड ने दो-दो और न्यूजीलैंड ने एक बार मात दी है।