ब्रैडमैन के गढ़ में चमके सचिन
पहले दिन भारत 5 विकेट खोकर 309 रन
समकालीन क्रिकेट के बादशाह सचिन तेंडुलकर ने अपने आदर्श डॉन ब्रैडमैन के गढ़ में अपनी बेजोड़ बल्लेबाजी का बेमिसाल नजारा पेश करते हुए चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आज यहाँ भारत का पलड़ा भारी रखा। तेंडुलकर ने संकट के समय में 124 रन की नाबाद पारी खेली, जिसकी मदद से भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरुआती दिन का खेल समाप्त होने तक पाँच विकेट पर 309 रन बनाए। ब्रैडमैन की स्टार टीम में शामिल वर्तमान समय के एकमात्र क्रिकेटर तेंडुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के इस महान बल्लेबाज के घरेलू मैदान एडिलेड ओवल में पहला और टेस्ट मैचों में 39वाँ शतक जमाया। उन्होंने अपनी पारी में अब तक 172 गेंद खेली हैं, जिसमें 10 चौके 3 छक्के शामिल हैं।तेंडुलकर ने ऐसे समय में शतकीय पारी खेली जबकि वीरेंद्र सहवाग (63)को छोड़कर शीर्षक्रम के अन्य बल्लेबाज अनुकूल पिच का फायदा उठाने में नाकाम रहे थे और भारत का स्कोर चार विकेट पर 156 रन था। उन्हें वीवीएस लक्ष्मण (51) रूप में अच्छा सहयोगी मिला, जिनके साथ उन्होंने छठे विकेट के लिए 126 रन जोड़े। महेंद्रसिंह धोनी (6) एक जीवनदान पाने के बाद अब भी क्रीज पर मौजूद हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ब्रेट ली और मिशेल जॉनसन ने दो-दो विकेट लिए हैं। भारत का पाँचवाँ गेंदबाज खपाने के लिए कामचलाऊ गेंदबाज इरफान पठान (9) को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारने का फैसला सही साबित नहीं हुआ, जिसके कारण राहुल द्रविड़ (18) अपने पसंदीदा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरने के बावजूद दबाव में दिखाई दिए और खेल के दूसरे घंटे में ही भारत का स्कोर दो विकेट पर 82 रन हो गया। अपने टेस्ट करियर में तीसरी बार सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरे पठान ने सहवाग के साथ पहले विकेट के लिए 34 रन जोड़ने के बाद जॉनसन की गेंद पर विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट को आसान कैच दिया। द्रविड़ ने शुरू में सतर्कता बरती लेकिन वह एक दो रन लेकर स्कोर बोर्ड चलायमान रखने में असफल रहे और आखिर में जॉनसन की गेंद पर ही रिकी पोंटिंग को दूसरी स्लिप में कैच देकर पैवेवेलियन लौटे। सहवाग ने दूसरे छोर पर कोई भी ढीली गेंद नहीं छोड़ी और टेस्ट क्रिकेट की अपनी पिछली 11 पारियों में पहला और टेस्ट मैचों में 13वाँ अर्धशतक जमाया। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ जून 2006 में वार्नर पार्क में अर्धशतक जड़ा था। लंच के बाद भारत ने सहवाग और सौरव गांगुली (7) के विकेट गँवाए। सहवाग ने अपने शरीर के काफी नजदीक वाली उठती हुई गेंद पर कट करने के प्रयास में पहली स्लिप में मैथ्यू हेडन को आसान कैच थमाया। टेलीविजन रीप्ले से हालाँकि साफ हो गया था कि यह नोबाल थी और ब्रेट ली का पाँव तब काफी आगे निकला हुआ था। सहवाग ने ढाई घंटे क्रीज पर बिताये और 90 गेंद पर 63 रनों की अपनी पारी में छह चौके जमाए।गांगुली लगता है कि एकदिवसीय टीम से बाहर करने के सदमे से नहीं उबर पाए हैं। वह ब्रैड हॉग की गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में पगबाधा आउट हुए। तेंडुलकर ने हालाँकि दूसरे छोर पर अपने आकर्षक स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और कट से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और ऑस्ट्रेलियाई खेमे को हावी नहीं होने दिया। उन्हें इसमें लक्ष्मण का भी भरपूर सहयोग मिला जिन्होंने शुरू से ही इस स्टार बल्लेबाज के साथ सहयोगी की भूमिका निभाई। ऑनलाइन स्कोर कार्ड क्रिकेट टिकर डाउनलोड करें
तेंडुलकर ने पहले ली की गेंद सीमा रेखा पार भेजी और फिर जॉनसन के एक ओवर में तीन चौके जमाये। तेंडुलकर ने बाएँ हाथ के लेग स्पिनर हाग पर दो छक्के जमाकर अपने तीखे तेवर बनाए रखे। पिछले साल लगातार नर्वस नाइंटीज का शिकार बनने वाले तेंडुलकर ने इस संख्या का हौव्वा खुद पर हावी नहीं होने दिया तथा माइकल क्लार्क की पहली गेंद लांग ऑन पर छह रन और अगली गेंद मिड आफ पर चौके के लिए भेजकर अपना 39वाँ टेस्ट शतक पूरा किया। तेंडुलकर का यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नौवाँ शतक है और इस तरह से उन्होंने सुनील गावस्कर के आठ शतक का रिकॉर्ड तोड़ा। इस श्रृंखला में उनका यह दूसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने सिडनी में नाबाद 154 रन बनाए थे। तेंडुलकर का शतक पूरा होने के बाद लक्ष्मण ने भी अपने तेवर दिखाये और उन्होंने ब्रैड हॉग पर मिडविकेट पर लगातार चौके जमाकर 32वाँ अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके बाद वह अधिक देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाए। लक्ष्मण फिर से ब्रेट ली का शिकार बने जिनकी एक उठती गेंद का वह सही अनुमान नहीं लगा पाए और गेंद उनके दस्ताने को चूमती हुई गिलक्रिस्ट के दस्तानों में समा गई। हैदराबाद के इस कलात्मक बल्लेबाज ने अपनी पारी में 102 गेंद का सामना किया तथा पाँच चौके लगाए। भारतीय एकदिवसीय टीम के कप्तान धोनी को फिर से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अब तक अपने छह रन के लिए 54 गेंद खेली हैं। धोनी जब केवल दो रन पर थे तब जॉनसन की गेंद पर हेडन ने पहली स्लिप में उनका आसान कैच छोड़ा था। तेंडुलकर ने भी दिन के खेल के अंतिम क्षणों में विकेट बचाए रखने की सकारात्मक रणनीति अपनाई और किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया। भारत चार मैच की इस श्रृंखला में अभी 1-2 से पीछे चल रहा है।