Last Updated :लंदन (भाषा) , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (20:13 IST)
पीसीए ने किया इंग्लैंड में ईपीएल का समर्थन
कुछ काउंटी टीमों ने भले ही इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के आईपीएल की तर्ज पर ट्वेंटी-20 लीग शुरू करने की योजना को 'बैर पैदा करने वाली' करार दिया हो, लेकिन क्रिकेटरों की प्लेयर्स एसोसिएशन (पीसीए) ने पेशेवर बताते हुए इसका समर्थन किया है।
इस ट्वेंटी-20 लीग का प्रस्ताव 2010 के लिए रखा गया है। पिछले हफ्ते लीक हुई इस प्रस्तावित लीग से काउंटी समेत इंग्लैंड के क्रिकेट तबके में उठापटक का दौर शुरू हो गया, जिन्होंने कहा कि इसमें छोटी काउंटी टीमों को नजरअंदाज करके घरेलू क्रिकेट को खत्म करने की बू आती है।
हालाँकि पीसीए को लगता है कि इस तरह की लीग शुरू करने से इंग्लैंड के क्रिकेट में नए मौके शुरू होंगे और एक नए चरण की शुरुआत होगी, जिससे घरेलू क्रिकेट में फिर दर्शक आकर्षित होंगे।
पीसीए के मुख्य कार्यकारी सीन मोरिस ने 'द गार्जियन' को बताया पीसीए इस प्रस्ताव के बारे में बहुत सकारात्मक अनुभव कर रही है। यह काफी स्पष्ट और रोमांचक विचार है, जिसमें सिर्फ नौ टीमों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे खेल के लिए काफी मौके दिखाई पड़ते हैं।
मोरिस ने कहा यह बिलकुल नया पेशेवर दस्तावेज है। मुझे उम्मीद है कि प्रत्येक इस पर विचार करेगा। यह पूर्ण नहीं है, लेकिन इसमें काफी चीजें अच्छी हैं। इसमें काफी पेचीदा मामले भी हैं, लेकिन अगर वे धनराशि के आवंटन का मसला सुलझा दें तो यह अच्छी खबर होगी।
ईपीएल का समर्थन करने के कारण लंकाशायर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिम कूंब्स की आलोचना की गई थी और इसके बाद उन्होंने मुख्य कार्यकारियों की समिति से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि छोटी काउंटी टीमों का डर बेकार है।
जिम ने कहा मुझे लगता है कि यह कारगर होगा। दस्तावेज के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर और टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करता है। हम सब भी यही चाहते हैं। इससे छोटी काउंटी आहत नहीं होंगी। यह सिर्फ आय बाँटने का सवाल है। यह टेस्ट मैचों की आय बाँटने जैसा ही है।