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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , शनिवार, 1 मार्च 2014 (01:03 IST)

नए वनडे नियमों से गेंदबाजों को नुकसान : रणतुंगा

नए वनडे नियमों से गेंदबाजों को नुकसान : रणतुंगा -
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मुंबई। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान अर्जुन रणतुंगा को डर है कि एक दिवसीय क्रिकेट के नियमों में बार-बार होने वाले बदलाव के कारण बल्लेबाजों को इतना फायदा मिल रहा है कि भविष्य में युवा खिलाड़ी गेंदबाज बनना ही नहीं चाहेंगे।

श्रीलंका को 1996 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान ने यहां उस टीम के 14 सदस्यों द्वारा ‘विल्स रीयल्टर्स’ के गठन के मौके पर गुरुवार रात कहा कि कई लोगों का कहना है कि नए नियम खेल के लिए अच्छे हैं लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, ऐसा नहीं है। 8 से 10 साल के बच्चे अब गेंद नहीं बल्कि बल्ला उठाएंगे।

रणतुंगा ने कहा कि कई लोगों को लगता है कि क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल है लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुपात 50:50 नहीं तो 60:40 होना चाहिए अन्यथा गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि कई अच्छे गेंदबाजों की टी-20 क्रिकेट में धुनाई हो रही है। अब मुझे लगता है कि खेल बल्लेबाजों के पक्ष में 95:5 हो गया है। उनका मानना है कि दुनियाभर में गेंदबाजी का स्तर तेजी से गिरा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के अलावा बाकी देशों में गेंदबाजी का स्तर गिरा है। दक्षिण अफ्रीका को देखे तो हमारे दौर में उनकी गेंदबाजी का स्तर उनकी मौजूदा गेंदबाजी से बेहतर था। मेरा मानना है कि एक या दो टीमों को छोड़कर सभी की गेंदबाजी का स्तर गिरा है। अधिकांश जगहों पर विकेट भी सपाट है ताकि बल्लेबाजों को मदद मिल सके।

रणतुंगा ने कहा कि गेंदबाज टिक नहीं सकेंगे। जूनियर क्रिकेटर भी गेंदबाजी छोड़कर बल्लेबाजी की कोशिश करेंगे। एशिया को भविष्य में काफी दिक्कत आने वाली है।

दो नई गेंद के नियम पर उन्होंने कहा कि जब हमने शुरू किया था, तब हम दो गेंदों से खेलते थे लेकिन आखिर में कप्तानों की बैठक में हम आईसीसी को यह समझाने में सफल रहे कि वनडे क्रिकेट में दो गेंदें अच्छी नहीं हैं और उन्होंने बदलाव कर दिया।

उन्होंने कहा कि कई बार उपमहाद्वीप में खेलते समय गेंद जल्दी खराब हो जाती है, वहीं ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में जब आप सीमिंग ट्रैक पर खेलते हैं तो तेज गेंदबाजों को फायदा होता है। श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या ने कहा कि वे अभी भी एक गेंद अपनाने के पुराने नियम को तरजीह देंगे।

उन्होंने कहा कि मैं दो गेंदों के इस्तेमाल से खुश नहीं हूं। मेरी निजी राय है कि एक ही गेंद प्रयोग करनी चाहिए। उनका मानना है कि नए वनडे नियमों से बल्लेबाज 50 ओवरों के मैच में बल्लेबाज 200 रन आराम से बना सकते हैं।

जयसूर्या ने कहा कि नियमों में बदलाव के साथ क्षेत्ररक्षण की पाबंदियां भी बदल गई हैं। खेल बल्लेबाजों का मददगार हो गया है। अब मुझे लगता है कि 200 रन बनाना बल्लेबाज के लिए उतना मुश्किल नहीं रहा। पूर्व तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने हालांकि कहा कि गेंदबाजों को खुद को नए नियमों में ढाल लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी बात यह है कि अब उन्हें दो नई गेंदें मिलेंगी जिससे वे विकेट ले सकते हैं। वैसे टी-20 क्रिकेट के आने से अब वनडे क्रिकेट बदल गया है। अधिकांश गेंदबाज इतनी विविधता सीख गए हैं कि अच्छा प्रदर्शन कर पा रहे हैं। (भाषा)